Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Apr, 2019 08:25 AM
भारत में जो लड़के पहले प्रेम संबंध बनाते हैं, फिर शादी का वायदा करते हैं और लड़कियों की जिंदगी खराब करने के बाद अन्य लड़की से शादी कर लेते हैं, के लिए चेतावनी वाली खबर है।
खन्ना(शाही): भारत में जो लड़के पहले प्रेम संबंध बनाते हैं, फिर शादी का वायदा करते हैं और लड़कियों की जिंदगी खराब करने के बाद अन्य लड़की से शादी कर लेते हैं, के लिए चेतावनी वाली खबर है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि लड़की से शादी का वायदा कर अवैध संबंध बनाना धारा 376 के अंतर्गत दुष्कर्म माना जाएगा। माननीय सुप्रीम कोर्ट के बैंच जस्टिस एम.आर. शाह व जस्टिस एल. नागेश्वर राव की खंडपीठ ने अनुराग सोनी बनाम छतीसगढ़ सरकार क्रिमिनल में अपील नं.-629 आफ 2019 का निपटारा करते हुए कहा है कि अगर यह साबित हो जाए कि लड़के ने लड़की से शादी करने का वायदा किया था, जबकि उसका ऐसा इरादा ही नहीं था और लड़की ने लड़के से इस वायदे पर ही यौन संबंध बनाने की अनुमति दी थी तो ऐसी सहमति आई.पी.सी की धारा-90 के अंतर्गत गलत धारणा पर प्राप्त की गई सहमति मानी जाएगी।
खंडपीठ ने कहा कि ऐसे केस में अपराधी को माफ नहीं किया जा सकता, उस पर धारा 376 के अंतर्गत दुष्कर्म का केस मान कर दोषी ठहराया जा सकता है। इस केस में दोषी एक अस्पताल में जूनियर डाक्टर था और लड़की अस्पताल में फार्मासिस्ट की पढ़ाई कर रही थी, दोनों ने बाद में अलग-अलग शादी कर ली थी। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों की बाद में अलग-अलग शादी होने पर भी लड़का अपने दोष से दोष मुक्त नहीं माना जाएगा।