Edited By Seema Sharma,Updated: 12 May, 2018 02:40 PM
महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के पूर्व प्रमुख हिमांशु रॉय ने शुक्रवार को यहां कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। वह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने अपने आवास पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से कथित तौर पर खुद को गोली मारी थी।...
मुंबईः महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के पूर्व प्रमुख हिमांशु रॉय ने शुक्रवार को यहां कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। वह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने अपने आवास पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से कथित तौर पर खुद को गोली मारी थी। रॉय कैंसर से पीड़ित थे। मुंबई के बेहद सख्त मिजाज के पुलिस अफसर और अपने विभाग के 'सिंघम' रॉय ने शायद काफी दिन पहले ही खुदकुशी करने का मन बना लिया था। रॉय के परिजनों के मुताबिक उन्होंने एक हफ्ते पहले अपने सभी रिश्तेदारों और दोस्तों को घर पर बुलाया और कहा कि मैं आप सबसे बहुत प्यार करता हूं और आप सभी को गले लगाना चाहता हूं।
6 लाइन का सुसाइड नोट मिला
रॉय छह लाइन का सुसाइड नोट भी लिखकर छोड़ गए हैं। जिसमें उन्होंने अपनी कैंसर के खिलाफ जारी जंग के बारे में भी लिखा और अपनी मौत का जिम्मेदार किसी को नहीं ठहराया। उन्होंने लिखा इस बीमारी की वजह से मैं डिप्रेशन में हूं। वहीं जब उन्होंने सुसाइड किया तब उनकी पत्नी भावना घर में मौजूद थीं। उन्होंने जैसे ही गोली की आवाज सुनी तो रॉय को कुर्सी पर खून से सथपथ देखा। अपने ड्राइवर्स की मदद से भावना पति रॉय को लेकर बॉम्बे अस्पताल पहुंची लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बॉम्बे अस्पताल के एक डॉक्टर के मुताबिक गोली का जख्म रॉय के सिर के ऊपर से नजर आ रहा था। हमेश चुस्त दिखने वाले रॉय काफी कमजोर हो गए थे। उनकी दाढ़ी भी काफी बढ़ी हुई थी। परिजन इस तरह रॉय की मौत से काफी सदमे में हैं। रॉय अपनी दृढ़शक्ति से करीब इस बीमारी से 18 साल तक लड़ते रहे लेकिन अंत में इसके आगे हार गए।
जाबांज अफसर थे रॉय
वे 2016 से मैडीकल लीव पर थे और उनका कैंसर का इलाज चल रहा था। वह कई अहम मामलों को सुलझाने में शामिल रहे थे। इनमें पत्रकार जे डे , अदाकारा लैला खान और कानून स्नातक पल्लवी पुरकायस्थ की हत्या के मामले शामिल थे। वह 26/ 11 मुंबई हमलों से पहले रेकी करने में संलिप्त रहे लश्कर ए तैयबा के आतंकी डेविड हेडली से जुड़े सुराग हासिल करने वाली टीम में भी शामिल रहे थे। उन्होंने आईपीएल सट्टेबाजी कांड की जांच का नेतृत्व भी किया था। इसके बाद उनका तबादला एटीएस में हो गया। इस आतंकवाद रोधी दस्ते का प्रमुख रहने के दौरान बांद्रा कुर्ला इलाके में एक अमेरिकी स्कूल को विस्फोट से उड़ाने की कथित साजिश रचने को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को उन्होंने गिरफ्तार किया था।