थरूर का दावा- पुलवामा हमले से पहले कांग्रेस के पक्ष में था माहौल

Edited By vasudha,Updated: 19 Mar, 2019 03:16 PM

before the pulwama attack the atmosphere was in favor of congress

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि लोकसभा चुनाव किसी एक क्षण की त्रासदी पर नहीं, बल्कि गरीबी और बीमारी जैसे सार्वकालिक मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार पुलवामा हमले के बाद 2019 के चुनाव को खाकी चुनाव में...

नेशनल डेस्क:  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि लोकसभा चुनाव किसी एक क्षण की त्रासदी पर नहीं, बल्कि गरीबी और बीमारी जैसे सार्वकालिक मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार पुलवामा हमले के बाद 2019 के चुनाव को खाकी चुनाव में तब्दील करने की कोशिश कर रही है।     
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भाजपा ने लोकसभा चुनाव को बना दिया ‘खाकी चुनाव’ 
थरूर ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 फरवरी को 40 सीआरपीएफ जवानों की जान लेने वाले पुलवामा हमले के समय तक माहौल कांग्रेस के पक्ष में था और उसके बाद से सरकार लोकसभा चुनाव कोराष्ट्रीय सुरक्षा आधारित चुनाव बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस समय पुलवामा त्रासदी हुई उस समय तक के अनुमानों के अनुसार हम बहुत अच्छा कर रहे थे और सभी आकलन तथा माहौल हमारे अनुकूल था। इसके बाद, सरकार ने इसे खाकी चुनाव, राष्ट्रीय सुरक्षा आधारित चुनाव बनाने की कोशिश की है।

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देश में हर रोज हो रही त्रासदी
थरूर इस बार तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से हैट ट्रिक की उम्मीद लगाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार अपने इस राष्ट्रवादी संदेश का प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे खतरे के समय देश को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, जो मेरे और मेरी पार्टी के हिसाब से देश के समक्ष कोई प्रमुख चुनौती नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को कमतर नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं कह रहा हूं कि चुनाव किसी एक क्षण की त्रासदी पर नहीं, बल्कि सार्वकालिक मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए। लेकिन, हर रोज त्रासदी होती है, भूख, गरीबी, बीमारियों का दैनिक आतंकवाद, यह भी एक आतंकवाद है जो हमारे लाखों साथी भारतीयों के दिलों पर हमला करता है और सरकार को इससे भी निपटना चाहिए।    
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गौरक्षा के नाम पर हो रही हिसा 
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि भाजपा के शासन के तहत भारत के चरित्र में नाटकीय बदलाव आया है।  पिछले चार साल में सभी हिंसक सांप्रदायिक घटनाओं में से लगभग 97 प्रतिशत घटनाएं गौरक्षा के नाम पर हुईं और ये आंकड़े गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा जारी किए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रफुल्लित बहुसंख्यकवाद हिंसा का जश्न मनाता है और प्रधानमंत्री चुप रहते हैं। इस तरह की चीजों को माफ करना हमारे लोकतंत्र की मूल अवधारणा पर गंभीर हमला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र इस संवैधानिक व्यवस्था को कमतर करने की कोशिश कर रहा है कि भारत सभी धर्मों का देश है। 

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