Edited By Seema Sharma,Updated: 06 May, 2018 10:21 AM
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने संभवत: यह सही कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा उनके हाल ही में दिए गए तथाकथित परेशानी वाले बयानों के लिए दिल्ली तलब नहीं किया गया। वह यह भी कहते हैं कि मोदी उनसे अपने बेटे की तरह व्यवहार करते हैं।...
नेशनल डेस्कः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने संभवत: यह सही कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा उनके हाल ही में दिए गए तथाकथित परेशानी वाले बयानों के लिए दिल्ली तलब नहीं किया गया। वह यह भी कहते हैं कि मोदी उनसे अपने बेटे की तरह व्यवहार करते हैं। यद्यपि यह दावा कुछ जंचता नहीं। बिप्लब कुमार देब दिल्ली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और यही कारण है कि मोदी ने उन्हें दिल्ली आने को कहा है। तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य की एक उच्च स्तरीय बैठक 2 मई को हुई थी जिसमें महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की तैयारियों संबंधी कमेटी में विचार-विमर्श किया गया था जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति ने की थी मगर बिप्लब को दिल्ली आने के लिए कहने की बात पूरी तरह अलग से है।
बिप्लब के जस्टिस रंजन गोगोई के साथ मजबूत संबंध हैं जो दीपक मिश्रा के 2 अक्तूबर को सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। इस बात को लेकर हर कोई हैरान हो सकता है कि एक आर.एस.एस. वर्कर के रंजन गोगोई जैसे ताकतवर व्यक्ति के साथ कोई संबंध हो सकते हैं। गोगोई एक प्रभावशाली परिवार से संबंध रखते हैं। मालूम हुआ है कि बिप्लब दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ लुटियन क्षेत्र में गोगोई के बंगले में रहा करते थे। उनको गोगोई इतना अधिक चाहते हैं कि उन्होंने अपना सर्वैंट क्वार्टर उनको दे रखा था जो पूरी तरह सभी सुविधाओं से सम्पन्न है।
बिप्लब के त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनकी पत्नी कुछ समय के लिए गोगोई के निवास में रहती रही क्योंकि वह दिल्ली में एक बैंक में काम करती है। गोगोई और बिप्लब के निजी व बहुत करीबी पारिवारिक संबंध हैं मगर अब समय बदल गया है। बिप्लब मुख्यमंत्री हैं और वह न्यायपालिका में भी कुछ भूमिका निभाने में सक्षम हैं।