Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 May, 2017 07:05 PM
इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बनाने वाली कंपनी भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने आज कहा कि उसकी मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनसे किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
बैंगलूरः इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बनाने वाली कंपनी भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने आज कहा कि उसकी मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनसे किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इन मशीनों को भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित विनिर्देश के तहत डिजाइन किया गया है और इसमें गहन सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।
बीईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम वी गॉवतामा ने कहा, ‘‘हमारी ईवीएम स्वतंत्र मशीनें हैं जो न तो किसी नैटवर्क से जुड़ी हैं और न ही इंटरनैट से, जिससे आप हैक कर सकें। ये एक कैलकुलेटर के समान हैं।’’ उनका यह बयान एेसे समय आया है जबकि कई राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। इन मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठने के बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए ईवीएफ हैक करने की चुनौती 3 जून को आयोजन किया है। सिर्फ एनसीपी और माकपा ने इसमें भाग लेने की स्वीकृति दी है। गॉवतामा ने कहा कि बीईएल ईवीएम का निर्यात करना चाहती है। करीब डेढ़ साल पहले कंपनी ने नामीबिया के आम चुनावों के लिए ईवीएम का निर्यात किया था। वहां सफल चुनाव के बाद कई अफ्रीकी देश बीईएल से ईवीएम लेना चाहते हैं।
ईवीएम को लेकर विवाद के बाद चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि भविष्य में सभी चुनावों में वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वीवीपीएटी के लिए कुल 3,100 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया है। बीईएल को सितंबर, 2018 तक 8.5 लाख वीवीपीएटी मशीनों की आपूर्ति करनी होगी। इतनी ही मशीनों की आपूर्ति इलैक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया करेगी।