बेलगाम विवाद में कूदी शिवसेना, कहा- मराठी भाषी इलाकों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे सरकार

Edited By vasudha,Updated: 16 Mar, 2021 03:17 PM

belgaum dispute shivsena

शिवसेना ने मंगलवार को बेलगाम में कन्नड़ समर्थक संगठनों के मराठी भाषी लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उसे केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना'' में आरोप लगाया कि बेलगाम में हाल ही में कन्नड़ समर्थक...

नेशनल डेस्क:  शिवसेना ने मंगलवार को बेलगाम में कन्नड़ समर्थक संगठनों के मराठी भाषी लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उसे केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में आरोप लगाया कि बेलगाम में हाल ही में कन्नड़ समर्थक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मराठी भाषा बोलने वालों को पीटा, दुकानों पर मराठी भाषा में लगे बोर्ड हटा दिए और मराठी समर्थक लोगों को सोशल मीडिया पर भी निशाना बनाया जा रहा है।

 

शिवसेना ने दावा किया कि कर्नाटक की पुलिस भी मराठी लोगों को पेरशान कर रही है। पार्टी ने कहा कि अगर अत्याचार नहीं रुकने वाला, तो केन्द्र को बेलगाम को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए।  महाराष्ट्र का कहना है कि बेलगाम, कारवार और निपानी सहित कर्नाटक के कई क्षेत्रों की अधिकतर आबादी मराठी बोलती है। दोनों राज्यों के बीच बेलगाम और अन्य सीमावर्ती इलाकों को लेकर विवाद से जुड़ा मामला कई वर्ष से उच्चतम न्यायालय में लंबित है।

 

मुखपत्र ‘सामना' के सम्पादकीय में महाराष्ट्र में भाजपा के नेता देवेन्द्र फडणवीस से यह मामला केन्द्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने का अनुरोध भी किया गया। सम्पादकीय में कहा कि मराठी लोग मध्य प्रदेश के इंदौर और गुजरात के वडोदरा में भी हैं, लेकिन वहां स्थानीय लोगों से उनका कभी कोई विवाद नहीं हुआ। उसने कहा कि महाराष्ट्र में भी कई वर्षों से विभिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग रहते है और मराठी लोगों ने उनके साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं किया।


शिवसेना ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में भाजपा सरकार जिस तरह से स्थानीय लोगों द्वारा मराठी समुदाय पर किए जा रहे अत्याचार के मामले से निपट रही है, उससे लगता है कि वह असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दे रही है।'' सम्पादकीय में कहा गया कि सीमा विवाद के मामले के उच्चतम न्यायालय में लंबित होने के दौरान मराठी बोलने वालों के साथ इस तरह का व्यवहार ‘‘गैरकानूनी'' है।

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