बंगाल पंचायत चुनावों में एक-दूसरे को चुनौती दे रहे परिवार के लोग

Edited By Seema Sharma,Updated: 13 May, 2018 04:52 PM

bengal panchayat election people from family challenging each other

एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित पंचायत चुनाव सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न होंगे। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में सोमवार को होने वाला पंचायत चुनाव अंतिम बड़ा चुनाव है। वहीं इस चुनाव में...

कोलकाता: एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित पंचायत चुनाव सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न होंगे। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में सोमवार को होने वाला पंचायत चुनाव अंतिम बड़ा चुनाव है। वहीं इस चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के बीच ही लड़ाई नहीं है बल्कि परिवार के सदस्य भी आपस में भिड़ेंगे। इस बार पंचायत चुनाव में मां-बेटा, सुसर-बहू और भाई-बहन तक एक-दूसरे के सामने इस बार चुनावी मैदान में हैं। टीएमसी, भाजपा और वामपंथी समेत प्रमुख दलों ने अपने रिश्तेदारों को इस बार मैदान में उतारा है। उदाहरण के लिए, अलीपुरद्वार जिले में, एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक भोगारायण दास अपने बेटे अमल के खिलाफ टीएमसी टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनका बेटा भाजपा उम्मीदवार है। 68 वर्षीय दास ने अपने बेटे से चुनाव नहीं लड़ने को कहा था। उनका कहना था इससे परिवार में दरार पड़ सकती है लेकिन दास के बेटे ने नहीं सुनी और अपना नाम वापिस लेने से इंकार कर दिया।

वहीं उत्तर 24 परगना जिले के जगुलिया ग्राम पंचायत में, एक ही परिवार की दो बहुएं एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। छोटी बहू रिमा दास टीएमसी की टिकट पर मैदान में हैं जबकि बड़ी बहू बुलबुल दास एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। वहीं नडियास ताल्दाहा-मजादिया ग्राम पंचायत में एक ही परिवार के तीन सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। नदिया जिले की तलडाहा-मझदिया ग्राम पंचायत में एक ही परिवार के तीन लोग एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्वी मिदनापुर जिले से तृणमूल कांग्रेस के जिला परिषद उम्मीदवार पार्थ प्रतिम दास इस बात से नाराज हैं कि उनकी पत्नी लिपिका एक नजदीक की सीट पर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, लिपिका ने कहा कि उन्होंने पति से कई साल तक राजनीति छोडऩे का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इसलिए वह अपने पति को सबक सिखाना चाहती थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले कुछ साल से अलग रह रहे हैं।’’ राज्य में इस तरह के कई उदाहरण हैं जहां परिवार के लोग एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी जंग लड़ रहे हैं। पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार कल 621 जिला परिषदों , 6,157 पंचायत समितियों और 31,827 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा। चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है और असम , ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश से लगभग 1,500 सुरक्षार्किमयों को तैनात किया गया है।

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