बंगालः कई इलाकों में नहीं है बिजली-पानी, नाराज लोग सड़क पर उतरे

Edited By Yaspal,Updated: 25 May, 2020 09:52 PM

bengal there is no electricity and water in many areas

पश्चिम बंगाल में अम्फान चक्रवात प्रभावित कुछ इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल किये जाने की मांग को लेकर लगातार पांचवें दिन सोमवार को छिटपुट प्रदर्शन जारी रहा जबकि राज्य के अन्य इलाकों में जनजीवन पटरी पर लौट आया है। कोलकाता के कुछ इलाकों में...

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में अम्फान चक्रवात प्रभावित कुछ इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल किये जाने की मांग को लेकर लगातार पांचवें दिन सोमवार को छिटपुट प्रदर्शन जारी रहा जबकि राज्य के अन्य इलाकों में जनजीवन पटरी पर लौट आया है। कोलकाता के कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने उखड़े हुए पेड़ों से मार्ग बाधित किया और अपनी मांग को लेकर कुछ जगह गाड़ियों की आवाजाही रोकने के उद्देश्य से रास्ते में अवरोधक खड़े किये।

वहीं सेना और एनडीआरएफ की टीम ने राज्य आपदा मोचन बल के कर्मियों की सहायता से शहर की अंदरुनी सड़कों से उखड़े हुए पेड़ों को हटाने के काम में काफी प्रगति की है। दक्षिण कोलकाता के गारफा इलाके के नागरिकों ने बिजली की आपूर्ति बहाल किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जबकि शहर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से के बेहला इलाके में लोगों ने बढ़ती गर्मी के बीच पानी के दाम में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। गरफा इलाके में रहने वाले बिकास पालित ने कहा, “बीते पांच दिनों से हमारे इलाके में बिजली नहीं है। हमारे मोबाइल फोन बंद हो गए हैं और हमें कोई समाचार नहीं मिल रहा है।” पश्चिम बंगाल में अम्फान चक्रवात 20 मई को आया था और इससे 86 लोगों की जान चली गई थी।

पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध के कुछ घंटों बाद कोलकाता और पड़ोसी जिलों में शनिवार को सेना की तैनाती की गई थी। सरकार ने राज्य में आधारभूत ढांचे और आवश्यक सेवाओं को तत्काल बहाल करने के लिए सेना की मदद मांगी थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष रविवार को उत्तर 24 परगना जिले के साल्ट लेक इलाके स्थित अपने घर के पास की सड़क पर गिरे एक पेड़ को हटाते नजर आए थे। वह अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ गिरे हुए पेड़ को काटते दिखे। पेड़ गिरने की वजह से यातायात बाधित हो रहा था।
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घोष ने कहा, “राज्य में अम्फान तूफान आने के पांच दिन बाद भी सड़कें बाधित हैं। यहां रहने वालों को काफी परेशानी हो रही है। इसलिये मैंने कुछ और लोगों के साथ मिलकर खुद ही इस पेड़ को हटाने का फैसला किया।” पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को प्रदेश में विद्युत वितरण के काम से जुड़ी दो संस्थाओं डब्ल्यूबीएसईडीसीएल और सीईएससी को चक्रवात प्रभावित इलाकों में बिजली बहाल करने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा।

चक्रवात के कारण बिजली के खंभे उखड़ गए थे, ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा और कई जगह पेड़ उखड़कर तारों पर गिर गए जिससे कोलकाता समेत राज्य के कई हिस्सों में बिजली व्यवस्था बाधित हो गई थी। दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों और मिदनापुर जिले के कुछ इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा भी अभी बहाल नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति को “राष्ट्रीय आपदा से भी ज्यादा गंभीर ” बताया था और और इससे राज्य को एक लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि चक्रवात की वजह से छह करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए।

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