बेअसर हैं ‘बेटी बचाआे बेटी पढ़ाआे’ जैसी योजनाएं : क्राई

Edited By ,Updated: 10 Oct, 2016 08:27 PM

beti bachao abhiyan

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्वसंध्या पर एक बाल अधिकार संगठन ने कहा है कि ‘बेटी बचाआे बेटी पढ़ाआे’...

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्वसंध्या पर एक बाल अधिकार संगठन ने कहा है कि ‘बेटी बचाआे बेटी पढ़ाआे’ जैसी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं बच्चियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नहीं होने के कारण बेअसर साबित हो रही हैं।  ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (क्राई) के अनुसार, ‘‘बच्चियों पर मौजूदा आंकड़े सीमित और रुक-रुक कर मिलते हैं, जिससे कई योजनाओं और विकास की रणनीतियों की प्रगति का विश्लेषण करने में रुकावट आती है।’’

एनजीआे ने कहा कि अगर बालक बालिकाओं के लिंग अनुपात के आंकड़े जनगणना के माध्यम से एक दशक में एकत्रित करने के बजाय सालाना या दो साल में एक बार नहीं जुटाए जाते तो जानकारी के अभाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘बेटी बचाआे बेटी पढ़ाआे’ कमजोर रहेगी। क्राई की पदाधिकारी कोमल गणोत्रा ने कहा, ‘‘बच्चियों और लड़कियों से संबंधित आंकड़े मिलने में लंबा अंतराल, क्रमबद्ध विश्लेषण की कमी और मौजूदा डाटा के सीमित उपयोग से इस बारे में साफ तस्वीर नहीं मिल पाती।’’ 

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