Edited By Anil dev,Updated: 08 Jan, 2020 02:31 PM
कांग्रेस नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाये गये “भारत बंद” का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने और इन कंपनियों को अपने पूंजीपति मित्रों को...
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाये गये “भारत बंद” का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने और इन कंपनियों को अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मोदी-शाह सरकार की जनविरोधी, श्रमिक विरोधी नीतियों से जहां भयंकर बेरोजगारी पैदा हो गई है वहीं इन नीतियों ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर करने का काम भी किया है। राहुल गांधी ने कहा, 25 करोड़ कामगारों ने मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में भारत बंद बुलाया है, मैं उसका समर्थन करता हूं।
दरअसल, मोदी सरकार के विनिवेश, निजीकरण और श्रम सुधार नीतियों के खिलाफ मुख्यत 10 केंद्रीय व्यापार संघों ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का अह्वान किया है। सीपीएम से जुड़े CITU ने दावा किया था कि इस देशव्यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ कर्मचारी हिस्सा लेंगे। इसमें INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC समेत देश से अन्य क्षेत्रीय स्वतंत्र महासंघों और संघों के कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि, बीते साल सितंबर में ही विभिन्न संघों और फेडरेशनों ने घोषणा की थी कि वें आठ जनवरी 2020 को सरकार की गलत नीतियों के विरोध में हड़ताल पर जाएंगे। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त बयान में कहा कि 8 जनवरी को आम हड़ताल में कम से कम 25 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद हैं। सरकार से श्रमिक विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग करेंगे। बयान में कहा गया है कि श्रम मंत्रालय की ओर से अब तक श्रमिकों की किसी भी मांग पर कोई पक्का आश्वासन नहीं मिल पाया है। श्रम मंत्रालय ने 2 जनवरी 2020 को विभिन्न संघों और फेडरेशनों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सरकार का रवैया श्रमिकों के प्रति नकरात्मकत था।