Edited By vasudha,Updated: 20 Jul, 2020 09:18 AM
मध्यप्रदेश में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के दरबार भले ही बाहर के लोगों के लिए बंद हो लेकिन श्रद्धालुओं को घर बैठे भी महाकाल के दर्शन करने का मौका मिल रहा है। सावन के तीसरे सोमवार में उज्जैन के महाकाल मंदिर में खास भस्म आरती की गई,...
नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के दरबार भले ही बाहर के लोगों के लिए बंद हो लेकिन श्रद्धालुओं को घर बैठे भी महाकाल के दर्शन करने का मौका मिल रहा है। सावन के तीसरे सोमवार में उज्जैन के महाकाल मंदिर में खास भस्म आरती की गई, जिसका नजारा देखते ही बनता है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 175 किलोमीटर दूर धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, भगवान शिव के देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। यहां हर साल देश विदेश से लाखों लोग दर्शन करने के लिये आते हैं। हालांकि प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों से आने वाले भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में सोमवार को की गई भस्म आरती का वीडियो जारी किया गया ताकि भक्त घर बैठे ही महाकाल का आर्शीवाद ले सकें।
मंदिर के प्रशासक सुजान सिंह रावत ने भक्तों से सोशल मीडिया के ऑनलाइन प्लेटफार्म तथा मंदिर की वेबसाइट के जरिये महाकालेश्वर की प्रार्थना तथा दर्शन करने का आग्रह किया था। इसके साथ ही परंपरागत तरीके से सावन भादौ में निकलने वाली भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी के दर्शन के लिए भी जिला प्रशासन में लाइव व्यवस्था की है। सवारी का लाइव प्रसारण विभिन्न चैनलों द्वारा किया जाएगा।
क्या है भस्म आरती की मानयता
मान्यता है कि वर्षों पहले श्मशान भस्म से भूतभावन भगवान महाकाल की भस्म आरती होती थी लेकिन अब यह परंपरा खत्म हो चुकी है और अब कंडे की भस्म से आरती-श्रृंगार किया जा रहा है। वर्तमान में महाकाल की भस्म आरती में कपिला गाय के गोबर से बने औषधियुक्त उपलों में शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर बनाई भस्म का प्रयोग किया जाता है।