Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Apr, 2018 05:28 PM
अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम में गिरफ्तारी के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को किए गए बंद के दौरान गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा करने, शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने तथा कठुआ एवं उन्नाव के...
जयपुर : अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम में गिरफ्तारी के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को किए गए बंद के दौरान गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा करने, शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने तथा कठुआ एवं उन्नाव के बलात्कारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर भीम आर्मी दिल्ली में 18 अप्रैल को संसद के बाहर प्रदर्शन करेगी।
भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश बैरवा ने पत्रकारों को बताया कि भीम आर्मी के चन्द्रशेखर आजाद को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है तथा अन्य कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तार हुई है जिन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बंद के दौरान कार्यकर्ताओं का दमन हुआ तथा कईयों की जान चली गई।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही से दलितों पर अत्याचार हुआ लिहाजा दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। बैरवा ने अनुसूचित जाति जनजाति संरक्षण अधिनियम 1989 को मजबूत बनाने के लिए केन्द्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के हाल ही में दिये गए फैसले से दलितों में भय की भावना हो गई है।