Edited By Yaspal,Updated: 11 Jan, 2019 12:27 AM
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरगांव हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 90 दिन और बढ़ाने से इंकार करने के बंबई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की...
नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरगांव हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 90 दिन और बढ़ाने से इंकार करने के बंबई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर गुरुवार को सुनवाई पूरी कर ली। कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठने सभी संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने भीमा-कोरेगांव हिंसा से संबंधित मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि 90 दिन और बढ़ाने से बंबई हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। राज्य पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिलकर चुकी है।
पुणे पुलिस के वकील सुरेंद्र गाडलिंग, नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर शोमा सेन, दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले, कार्यकर्ता महेश राउत और केरल के रोना विल्सन को पिछले साल जून में माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया था।