Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Jan, 2019 12:08 PM
भीमा-कोरेगांव हिंसा के एक साल पूरे होने पर आज पुणे और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पूरे इलाके में ड्रोन, सीसीटीवी और करीब 5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
नेशनल डेस्कः भीमा-कोरेगांव हिंसा के एक साल पूरे होने पर आज पुणे और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पूरे इलाके में ड्रोन, सीसीटीवी और करीब 5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही 520 पुलिस अधिकारी, 12 टुकड़ियां एसआरपी की, 1200 होमगार्ड और 2000 स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं। किसी अप्रिय घटना के चलते संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि साल 2019 में 1 जनवरी को भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़क गई थी। इसमें एक शख्स की मौत हो गई थी व कई घायल हो गए थे। पुणे के डीएम नवलकिशोर राम ने सोमवार को कहा कि भीमा-कोरेगांव के विजय स्तंभ पर लाखों लोगों के जुटने का अनुमान है जिसके चलते इलाके में सुरक्षा कड़ी की गई है।
इनको नहीं मिली कार्यक्रम की अनुमति
दक्षिणपंथी नेता मिलिंद, दक्षिणपंथी हिंदू नेता मिलिंद एकबोटे और कबीर कला मंच के सदस्यों को पुलिस ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को भी पुणे में रैली की इजाजत नहीं मिली है।
क्यों भड़की थी भीमा-कोरेगांव हिंसा
1 जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव संघर्ष की 200वीं वर्षगांठ पर दलित समुदाय के लोगों ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था, इस दौरान हिंसा भड़क उठी थी। दरअसल दलित समुदाय के इस कार्यक्रम का कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और दुकानों में तोड़फो़ड की थी।