Edited By vasudha,Updated: 26 Jun, 2020 11:13 AM
वैश्विक महामारी कोरोना के बीच भारत के पड़ोसी देशों ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। चीन और नेपाल के बाद अब भूटान ने भी भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि भूटान ने हाल ही में असम में आने वाले पानी को रोक दिया है,...
नेशनल डेस्क: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच भारत के पड़ोसी देशों ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। चीन और नेपाल के बाद अब भूटान ने भी भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि भूटान ने हाल ही में असम में आने वाले पानी को रोक दिया है, इससे राज्य के वक्सा जिले में किसान परेशान हैं। हालांकि भूटान ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है।
भूटान ने असम को जाने वाले जल प्रवाह को रोकने संबंधी कई रिपोटर् का खंडन करते हुए कहा कि वह नहर की मरम्मत करवा रहा है ताकि जल प्रवाह सुचारू रूप से जारी रहे। भूटान सरकार ने कहा कि नहर में प्राकृतिक कारणों से जल प्रवाह बाधित हो गया था, ऐसे में पानी के बहाव के लिए वे और प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल हर साल इस सीजन में भारत के किसान भारत-भूटान सीमा पर समद्रूप जोंगखार इलाके में जाते हैं और काला नदी के पानी को अपने खेतों में लाकर सिंचाई करते हैं। इस साल कोरोना वायरस के चलते भूटान ने भारतीय किसानों को एंट्री देने से इनकार कर दिया है। किसान भूटान की इस हरकत से बेहद परेशान हैं और सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इससे पहले भूटान ने भारत से आने वाले पर्यटकों से हर दिन हजार रुपए से ज्याजा शुल्क वसूलने का फैसला किया था।
गौरतलब है कि इससे पहले नेपाल ने बिहार में अपनी भूमि का दावा किया था, और भारत-नेपाल सीमा पर नदी तटबंधों के भारतीय मरम्मत कार्य को रोकने के लिए बाधाओं को खड़ा किया था। नेपाली अधिकारियों ने बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अधिकारियों को सीमा पर तटबंध से संबंधित कार्य करने से रोक दिया था, यह दावा करते हुए कि यह क्षेत्र उसके क्षेत्र का हिस्सा है।