US की नई डिफेंस पॉलिसी में चीन नं 1 दुश्मन घोषित, हिंद-प्रशांत में क्वाड के साथ मिलकर सबक सिखाएंगे

Edited By Tanuja,Updated: 06 Mar, 2021 02:16 PM

biden looks forward to engage with quad partners in indo pacific soon

अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने  नई डिफेंस पॉलिसी में चीन नं 1 दुश्मन घोषित किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को  हिंद-प्रशांत व अन्य क्षेत्रों  में सबक सिखाने के लिए अपने सहयोगियों ...

 इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने  नई डिफेंस पॉलिसी में चीन नं 1 दुश्मन घोषित किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को  हिंद-प्रशांत व अन्य क्षेत्रों  में सबक सिखाने के लिए अपने सहयोगियों ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के साथ जल्द से जल्द सहयोग करने की इच्छा जताई है।  क्वाड देशों में जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं। चारों देशों ने 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने के लिए ‘‘क्वाड'' या चार देशों का गठबंधन बनाने के प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था।

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नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर थी दुनिया की नजर
बाइडेन की नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर अमेरिका की 24 पेज वाली राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति में चीन को प्रबल विरोधी के रूप में पेश किया  गया है। दरअसल बाइडेन द्वारा मेरिका के राष्‍ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद दुनिया को उनकी नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा रणनीति  का इंतजार था। राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान बाइडन ने पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कई फैसलों की निंदा की थी। खासकर चीन और ईरान की आक्रामक नीति को लेकर वह ट्रंप के खास विरोधी थे। ऐसे में सत्‍ता सभांलने के बाद दुनिया की नजरें बाइडन की नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति पर टिकी थी। लेकिन  बाइडेन की राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति में भी चीन को अमेरिका का दुश्‍मन नंबर वन माना गया है।

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चीन की विस्‍तारवादी नीति में अमेरिका सबसे बड़ी बाधा
उधर, प्रो. हर्ष पंत का मानना है कि चीन की महत्‍वकांक्षा को देखते हुए इस बात की उम्‍मीद कम ही थी कि वाशिंगटन से उसके बेहतर संबंध कायम होंगे। उनका कहना है कि चीन की विस्‍तारवादी नीति में अमेरिका उसकी सबसे बड़ी बाधा है। उन्‍होंने कहा कि कोराना महामारी के बाद राष्‍ट्रपति बाइडन को एक नए अमेरिका का साम्राज्‍य मिला। ऐसा अमेरिका जो कोरोना महामारी के चलते आर्थिक रूप से कमजोर हुआ है। बाइडेन के समक्ष आंतरिक तथा वाह्य चुनौतियां पहले से ज्‍यादा जटिल हैं। जाहिर है कि बाइडन प्रशासन को देश के अंदर और बाहर इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी नई रणनीति तय करनी होगी। बाइडेन प्रशासन के लिए चीन को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती होगी। इसी तरह रूस, ईरान और उत्‍तर कोरिया पर भी अपनी स्‍पष्‍ट रणनीति तय करनी होगी। 

 

बाइडेन  ने ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के  समकक्षों के साथ की बात
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडेन की ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के अपने समकक्षों के साथ गर्मजोशी से एवं सकारात्मक बातचीत हुई है और वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ जल्द से जल्द सीधी भागीदारी के लिए इच्छुक हैं।'' अधिकारी ने बताया कि शपथ ग्रहण करने के 50 दिनों से भी कम समय में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान सहित प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों ने क्वाड देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की है।

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क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियां
बाइडेन ने दुनिया के जिन शीर्ष दस नेताओं को फोन किया उनमें क्वाड देशों के नेता भी शामिल हैं। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री योशाहिदे सुगा से 27 जनवरी को, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन से तीन फरवरी को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आठ फरवरी को बात की थी। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के समूह को क्वाड के नाम से जाना जाता है और बाइडन प्रशासन इसे मजबूती देने में लगा हुआ है। क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हो चुकी है। जापान की मीडिया ने पिछले महीने खबर दी थी कि क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियां जारी हैं।  

 

 

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