Edited By Yaspal,Updated: 30 Aug, 2019 08:46 PM
सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यम ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर के गिरकर पाँच प्रतिशत पर आने के मद्देनजर शुक्रवार को कहा कि सरकार ने एक साथ कई कदम उठाये हैं और ढाँचागत सुधार
नई दिल्लीः सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यम ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर के गिरकर पाँच प्रतिशत पर आने के मद्देनजर शुक्रवार को कहा कि सरकार ने एक साथ कई कदम उठाये हैं और ढाँचागत सुधार के जारी रहने से मध्यावधि से लेकर दीर्धावधि तक आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयेगी।
सुब्रमण्यम ने केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सकल घरेलू उत्पाद के आँकड़े जारी किये जाने के बाद यहाँ संवाददाआतों से कहा कि आर्थिक सीमक्षा, 2019 में कहा गया था कि निवेश अर्थव्यवस्था को गति देने वाला प्रमुख वाहक है जबकि उपभोग इसमें कई गुना की बढ़ोतरी लाने वाला तत्व है। इसके साथ ही सरकार द्वारा बैंकों और वित्तीय क्षेत्र के लिए किये गये उपायों तथा ढाँचागत सुधारों और निवेश के जारी रहने पर अधिक सुधार होगा तथा अर्थव्यवस्था को तीव्र गति प्रदान करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इन उपायों से मध्यावधि से लेकर दीर्घावधि में अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कई क्षेत्र हैं जिनमें तेजी रही है। कुछ क्षेत्रों में सुस्ती देखी गयी है, लेकिन अब तक किये गये सुधारों से आगे उनमें भी तेजी आयेगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वैश्विक स्तर पर, विशेषकर विकसित देशों की, गतिविधियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। इसके साथ ही चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव का भी असर दिखा है। वर्ष 2012-13 की अंतिम तिमाही में भी इसी तरह का असर देखा गया था जब विकास दर करीब पाँच प्रतिशत पर आ गयी थी।