कोविड की बूस्टर डोज को लेकर कल बड़ी बैठक

Edited By Yaspal,Updated: 05 Dec, 2021 08:36 PM

big meeting tomorrow regarding booster dose of covid

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की छह दिसंबर को होने वाली बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को कोविड-19 रोधी टीके की ‘अतिरिक्त'' खुराक देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी। अधिकारियों के...

नेशनल डेस्कः टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की छह दिसंबर को होने वाली बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को कोविड-19 रोधी टीके की ‘अतिरिक्त' खुराक देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी। अधिकारियों के मुताबिक, टीके की एक अतिरिक्त खुराक बूस्टर खुराक से अलग होती है।

अधिकारियों ने समझाया कि ऐसे किसी व्यक्ति को एक पूर्वनिर्धारित अवधि के बाद बूस्टर खुराक दी जाती है, जब यह माना जाता है कि प्राथमिक टीकाकरण की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में कमी आ गई है, जबकि अतिरिक्त खुराक कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को दी जाती है जब प्राथमिक टीकाकरण संक्रमण और रोग से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। हाल ही में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने औषधि नियामक से कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बूस्टर खुराक के रूप में कोविशील्ड के लिए मंजूरी मांगी थी।

एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को एक अर्जी में कहा था कि ब्रिटेन के औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पहले ही एस्ट्राजेनेका सीएचएडीओएक्स1 एनसीओवी-19 टीके के बूस्टर खुराक को मंजूरी दे दी है। उन्होंने साथ ही यह भी उल्लेख किया कि भारत में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और नये स्वरूपों के सामने आने के मद्देनजर बूस्टर खुराक की मांग उन लोगों के लिए है जो पहले से ही दो खुराक ले चुके हैं। |

29 नवंबर के अपने बुलेटिन में, भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम' (आईएनएसएसीओजी) ने 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक की सिफारिश की थी, जिसमें उनलोगों को पहली प्राथमिकता दी जाए जिनके संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक है।

हालांकि, शनिवार को इसने कहा कि इसकी सिफारिश राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नहीं थी क्योंकि इसके प्रभाव का आकलन के लिए कई और वैज्ञानिक प्रयोगों की आवश्यकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बूस्टर खुराक के संबंध में हाल ही में लोकसभा को सूचित किया था कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) और कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) इस पहलू से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘अभी के लिए बूस्टर खुराक का मुद्दा एजेंडा में नहीं है, क्योंकि इसकी आवश्यकता और महत्व का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। छह दिसंबर को होने वाली एनटीएजीआई की बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को कोविड-19 की अतिरिक्त खुराक देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।'' ऐसी श्रेणी में कैंसर का इलाज कराने वाले रोगी, प्रत्यारोपण करा चुके रोगी, एड्स रोगी आदि आते हैं और उनकी प्रतिरक्षा में सुधार के लिए टीके की अतिरिक्त खुराक (तीसरी खुराक) की आवश्यकता होती है।

विशेषज्ञों ने कहा कि ओमीक्रोन जैसे नये स्वरूपों के उभरने के बावजूद, टीकाकरण बीमारी और संक्रमण से सुरक्षा के सबसे मजबूत तरीकों में से एक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि मौजूदा टीके सार्स-सीओवी-2 के ओमीक्रोन स्वरूप पर काम नहीं करते हैं, हालांकि सामने आये कुछ म्यूटेशन टीके की प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं।

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