Edited By vasudha,Updated: 15 Aug, 2020 10:31 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को दिये अपने संबोधन में मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों के त्याग और बलिदान को सलाम किया। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया,...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को दिये अपने संबोधन में मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों के त्याग और बलिदान को सलाम किया। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया, इसके साथ ही उन्होंन कोरोना वैक्सीन की उम्मीद लगाए देश को इसके जल्द आने की सूचना भी दी। देश के प्रधानमंत्री ने लाल किले से भारत माता पर नजर डालने वालों पर भी कड़ा प्रहार किया। जानें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी के भाषण की मुख्यें बातें।
कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान
- हमारे वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं।
- भारत में कोरोना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं।
- देश के हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा ऋषि-मुनि की तरह है, जो लैब में कड़ी तपस्या कर रहे हैं।
- भारत में एक-दो नहीं, बल्कि तीन वैक्सीन अलग-अलग चरण में हैं।
- जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर Production की भी तैयारी है।
किसानों को सारे बंधनों से किया मुक्त
- एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं
- मेरे देश का किसान, जो उत्पादन करता था, वो न अपनी मर्जी से बेच सकता और न अपनी मर्जी के दाम प्राप्त कर सकता था। उसके लिए दायरा तय था।
- हमने उन सारे बंधनों से किसानों को मुक्त कर दिया है। अब हिंदुस्तान का किसान आजादी के साथ कहीं पर भी अपनी फसल बेच पाएगा।
आत्मनिर्भर भारत पर मोदी का मंत्र
- मुझे विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर के सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे देश की प्रतिभा, सामर्थ्य, युवाओं, मातृ-शक्तियों पर भरोसा है।
- मेरा हिंदुस्तान की सोच-अप्रोच पर भरोसा है। इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है तो, भारत उसे करके रहता है।
- कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है।
- ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।
विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना होगा
- आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ इंपोर्ट को कम करना ही नहीं है, बल्कि हमारे सामर्थ्य के आधार पर अपने कौशल को बढ़ाना है।
- आत्मनिर्भर भारत में कई चुनौतियां होंगी, लेकिन अगर ये चुनौतियां हैं तो देश के पास करोड़ों समाधान देने वाली शक्ति भी है।
- आज दुनिया इंटर-कनेक्टेड है। इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है।
- जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे।
भारत में हुए परिवर्तन को दुनिया देख रही है
- भारत में परिवर्तन के इस काल में रिफॉर्म को दुनिया देख रही है।
- बीते वर्ष, भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
- भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रूख कर रही हैं।
- विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं।
- ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर, वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, रोजगार के बेहतर अवसर मिलें।