Edited By Yaspal,Updated: 06 Feb, 2019 01:23 AM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। भागवत ने कहा कि 2014 में अगर राम मंदिर का मुद्दा नहीं होता तो भी सरकार बनती...
नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। भागवत ने कहा कि 2014 में अगर राम मंदिर का मुद्दा नहीं होता तो भी सरकार बनती। लेकिन 2019 में राम मंदिर सबसे जरूरी है।
सरकार कोई भी हो, राम मंदिर बनेगा
देहरादून में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि 2014 में लहर दूसरी थी, जो राम मंदिर से अलग थी। लेकिन इस बार सरकार चाहे जो भी आए, सबसे जरूरी राम मंदिर ही है। भगवान राम हमारे सबके प्रिय हैं। सरकार चाहें किसी की भी आए, राम मंदिर तो बनेगा ही। अगर ऐसा नहीं हुआ तो संतों के परामर्श पर हम एक्शन लेंगे।
नितिन गडकरी का किया बचाव
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयानों पर भागवत ने कहा कि वे बेहद सौम्य व्यक्ति हैं। उन्होंने जो बयान दिया है, मुझे मालूम नहीं, अगर उनके मन में कुछ इच्छा होगी तो वो सबसे पहले मुझे जरूर बता देते या बता देंगे। वो षड़यंत्र करने वालों में से नहीं हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में गडकरी अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। कभी वे कहते हैं कि सपना पूरा न करने वालों को जनता पीटती भी है। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि मीडिया में उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
आरक्षण पर क्या बोले भागवत
आरक्षण पर भी भागवत ने कहा कि मैं आरक्षण के हमेशा पक्ष में हूं, मगर मेरा मानना है कि आरक्षण जाति और धर्म के आधार पर नहीं बल्कि जरूरतमंदों को मिलना चाहिए। इससे पहले आरक्षण पर भागवत कई बार कह चुके हैं क्रीमीलेयर वर्ग के तहत आने वाले लोगों के लिए आरक्षण कब तक चलेगा, इसका निर्णय वही लोग करेंगे। भागवत का कहना है कि आरक्षण के पीछे होने वाली राजनीति मुख्य समस्या है।