Edited By Anil dev,Updated: 19 Oct, 2020 10:40 AM
बिहार की बात करने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव के ऐलान से डेढ़ साल पहले जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत कुमार इन चुनावों पर कोई ट्वीट तक नहीं किया। उनका आखिरी ट्वीट जुलाई में कोरोना के संबंध में था। हैरानी वाली बात यह है कि बिहार चुनाव में...
नई दिल्ली: बिहार की बात करने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव के ऐलान से डेढ़ साल पहले जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत कुमार इन चुनावों पर कोई ट्वीट तक नहीं किया। उनका आखिरी ट्वीट जुलाई में कोरोना के संबंध में था। हैरानी वाली बात यह है कि बिहार चुनाव में जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर नेता और दल अलग-अलग दावे और वादों के जरिए जनता के बीच जा रहे हैं तो वहीं प्रशांत भूषण कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे हैं।
दूसरी ओर पटना के राजनीतिक गलियारों में खबरे हैं कि प्रशांत किशोर रालोसपा समेत अन्य छोटे दलों से बात कर महागठबंधन में अपना भविष्य तलाश करने में जुटे हुए हैं। वहीं जनता दल यूनाइटेड का मानना है कि लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोडऩे के पीछे प्रशांत वजह हैं। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार किशोर ने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को समझाया कि यह राज्य का आखिरी विधानसभा चुनाव है, जिसके बाद पुराने समाजवादी नेताओं की पीढ़ी नेपथ्य में चले जाएंगे और ऐसे में उन्हें बड़ा रिस्क लेना चाहिए। वहीं लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने इन दावों को खारिज करते हुए बेकार बताया है।