बिहार विधानसभा चुनाव में अपने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने उतरे उम्मीदवारों में से राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों बेटे जहां जीतने में कामयाब रहे, वहीं दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव की बेटी और अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे को हार का सामना करना पड़ा। शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा, जो पटना के बांकीपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे
नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव में अपने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने उतरे उम्मीदवारों में से राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों बेटे जहां जीतने में कामयाब रहे, वहीं दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव की बेटी और अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे को हार का सामना करना पड़ा। शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा, जो पटना के बांकीपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे, 27,000 मतों से भाजपा के निवर्तमान विधायक नितिन नबीन से हार गए।
शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार को तीसरी हार
बेटे की हार पर और बिहार में पार्टी का अच्छा प्रदर्शन न कर पाने पर कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा काफी दुखी हैं क्योंकि उनके परिवार को मिली यह तीसरी हार है। दरअसल पटना साहिब लोकसभा सीट जिस पर शत्रुघ्न सिन्हा 2009 से 2019 तक भाजपा के सांसद रहे थे पिछले साल उनको वहां से पार्टी ने टिकट नहीं दिया। शत्रुघ्न सिन्हा की जगह केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को वहां से भाजपा ने टिरट दिया। इससे नाराज होकर शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में चले गए और रविशंकर प्रसाद के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन वे वहां से हार गए। वहीं उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने लखनऊ में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उनको भी हार का सामना करना पड़ा।
लव बोले- यह हार अंत नहीं
मीडिया से बात करते हुए, लव ने कहा कि वे जानते थे कि बांकीपुर सुरक्षित सीट नहीं है। वहां से चुनाव लड़ने के लिए बहुत ताकत लगानी पड़ी। फिर भी 43,908 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहना भी अपने आप में बड़ी बात है। लव सिन्हा ने कहा कि यह हार अंत नहीं है बल्कि शुरुआत है। वहीं बेटे की हार के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट किया कि लव, हमें आप पर बहुत गर्व है, कई लोग आपसे सीख सकते है आपने ईमानदारी, पूरी लगन के साथ काम किया। शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे लिखा कि यह अंत नहीं है, आगे के भविष्य के लिए शुभकामनाएं। बता दें कि शरद यादव की 30 वर्षीय बेटी सुभाषिनी राज राव, जो कांग्रेस के टिकट पर बिहारीगंज सीट से चुनाव लड़ी थीं, उन्हें मधेपुरा में अपने पिता की "कर्मभूमि" (कार्यस्थल) की सेवा करने का मौका नही मिल पाया । सुभाषिनी 19,000 से अधिक मतों से मंझे हुए राजनीतिज्ञ और नीतीश कुमार के जद (यू) के मौजूदा विधायक नीरंजन मेहता से हार गईं। बता दें कि चुनावी मैदान में उतरे
राजनीतिक घरानों के उम्मीदवारों में हारने वालों की फेहरिस्त लंबी है।
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