भाइयों के झगड़े में राजद को हो सकता है नुकसान?

Edited By Anil dev,Updated: 02 May, 2019 11:19 AM

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बिहार के चुनावी संग्राम में राजद इस बार पूरी ताकत से नहीं लड़ पा रही है। एक ओर जहां पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव जेल के अंदर वहीं उनके दोनों बेटों तेज प्रताप व तेजस्वी के बीच लड़ाई व मनमुटाव की खबरें अब सार्वजनिक हैं। यद्यपि तेजप्रताप व तेजस्वी...

नई दिल्ली: बिहार के चुनावी संग्राम में राजद इस बार पूरी ताकत से नहीं लड़ पा रही है। एक ओर जहां पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव जेल के अंदर वहीं उनके दोनों बेटों तेज प्रताप व तेजस्वी के बीच लड़ाई व मनमुटाव की खबरें अब सार्वजनिक हैं। यद्यपि तेजप्रताप व तेजस्वी खुद को कृष्ण व अर्जुन बताते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से बड़े भाई तेज प्रताप कृष्ण की भूमिका छोड़कर तेजस्वी के फैसलों के खिलाफ मीडिया में बयान दे रहे हैं। वे राजद के कई नेताओं के खिलाफ भी खुलकर आरोप लगा रहे हैं। तेज प्रताप के विद्रोही तेवर से पूरे परिवार तथा पार्टी को भी कई मौकों पर शर्मिन्दगी उठानी पड़ रही है। पिछले साल जुलाई में तेज प्रताप ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पर खुले आम अपनी तथा युवाओं की उपेक्षा किये जाने काआरोप लगाया था। 

अप्रैल में इस्तीफा देने पहले तक तेज प्रताप पार्टी की युवा ईकाई के संरक्षक थे। उन्होंने मीडिया के सामने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ लोग पार्टी तथा परिवार के बीच बंटवारा करना चाहते हैं। तेज प्रताप व तेजस्वी में सीधे विवाद की स्थिति तब पैदा हो गई जब टिकट बंटवारे से नाराज तेज प्रताप ने एक अप्रैल को ‘लालू राबड़ी मोर्चा’ बनाने की घोषणा कर दी। यही नहीं उन्होंने मोर्चा की ओर से दो सीटों पर उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिया। स्यौहर सीट पर उनके प्रत्याशी का पर्चा भी खारिज हो गया। अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पार्टी के अंदर तेज प्रताप खुद को उपेक्षित महसूस करते थे। किसी हद तक यह सही भी है कि लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद से पार्टी की कमान तेजस्वी के हाथ में ही चली गई है। 

राजद के अंदर अधिकारों को लेकर यह लड़ाई तेज प्रताप व तेजस्वी तक ही नहीं सीमित है। लालू प्रसाद के बेची मीसा भारती भी पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान के लिए लगातार हस्तक्षेप करती रहती हैं। वे पाटलिपुत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़ रही हैं। मीसा भारती जब पाटलिपुत्र सीट पर नामांकन करने जा रही थीं तो उनके साथ तेज प्रताप ही थे। लेकिन बीच रास्ते में तेजस्वी भी जुलूसमें शामिल हो गये। पहले वे अलग गाड़ी में चल रहे थे लेकिन बाद में दोनो भाई मीसा की ही गाड़ी में एक साथ हो गये। राजद के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस चुनाव में तेज प्रताप का इस चुनाव में कोई प्रभाव नहीं है। इस चुनाव के परिणाम से ही राजद का आने वाले समय में भविष्य तय होगा। यदि चुनाव में राजद को ठीक ठाक सफलता मिलती है तो पार्टी पर तेजस्वी की पकड़ और मजबूत हो जाएगी। और यदि पार्टी को अच्छे परिणाम नहीं मिले तथा पाटलिपुत्र से मीसा चुनाव जीत जाती हैं तो वे तेजस्वी को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएंगी। 

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