Edited By Yaspal,Updated: 06 Dec, 2021 07:54 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को भारत-रूस शिखर बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कई क्षेत्रों को शामिल किया गया। मोदी ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा कि...
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को भारत-रूस शिखर बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कई क्षेत्रों को शामिल किया गया। मोदी ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंधों की गति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं तथा दोनों पक्ष अफगानिस्तान में स्थिति और अन्य मुद्दों पर संपर्क में बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, विश्व ने कई मूलभूत परिवर्तन और विभिन्न प्रकार के भू-राजनीतिक बदलाव देखे हैं लेकिन भारत एवं रूस की मित्रता पहले जैसी बनी रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपकी भारत यात्रा भारत के साथ आपकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।'' रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर व्यापक चर्चा करने के लक्ष्य से भारत और रूस के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की पहली ‘टू प्लस टू'वार्ता के कुछ घंटों बाद यह शिखर वार्ता हुई। बैठक के लिए पुतिन एक संक्षिप्त यात्रा पर भारत आए हैं।
इससे पहले भारत और रूस ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में छह लाख से अधिक एके-203 असाल्ट राइफलों के संयुक्त निर्माण के लिए एक समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए और दस वर्ष के लिए सैन्य सहयोग पर एक अन्य करार भी किया। भारतीय सशस्त्र बलों के लिए राइफलों का निर्माण करीब 5000 करोड़ रूपये की लागत से किया जाएगा। इन समझौतों पर भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीक संबंधी आयोग (आईआरजीसी-एमएंडएमटीसी) की 20वीं बैठक के दौरान समझौते किए गए।