Edited By Pardeep,Updated: 24 Jan, 2019 09:35 PM
जमीन पर और उड़ान के दौरान महीनों तक किये गये व्यापक परीक्षणों के बाद एक अहम कदम उठाते हुए सैन्य विमानों के लिए देश में उत्पादित जैव ईंधन के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सेंटर फॉर मिलिट्री एयरर्विदनेस...
नई दिल्ली: जमीन पर और उड़ान के दौरान महीनों तक किये गये व्यापक परीक्षणों के बाद एक अहम कदम उठाते हुए सैन्य विमानों के लिए देश में उत्पादित जैव ईंधन के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सेंटर फॉर मिलिट्री एयरर्विदनेस एंड र्सिटफिकेशन (सीईएमआईएलएसी) की मंजूरी मिलने के बाद भारतीय वायुसेना (आईएएफ) द्वारा जैव ईंधन का इस्तेमाल सबसे पहले अपने परिवहन बेड़े और हेलिकॉप्टरों के लिए किए जाने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘देश में उत्पादित जैव ईंधन को अंतत: इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।’’
आईएएफ के एक अधिकारी ने कहा कि इस मंजूरी के बाद वायुसेना 26 जनवरी को पहली बार आईएएफ एन-32 विमान को जैव और जेट ईंधन के मिश्रण के साथ उड़ाने की प्रतिबद्धता पूरी कर सकेगी। अधिकारी ने कहा कि यह मंजूरी इस ²ष्टि से महत्वपूर्ण है कि इससे अंतत: लगातार परीक्षण और जैव ईंधन के वाणिज्यिक स्तर के नागरिक विमान में इस्तेमाल का पूर्ण सत्यापन मिल सकेगा।
अधिकारी ने बताया कि सीईएमआईएलएसी ने मंगलवार को हुई बैठक में जैव ईंधन पर विभिन्न परीक्षणों पर विस्तार से चर्चा की। ये परीक्षण शीर्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सत्यापन एजेंसियों द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया के हिसाब से किए गए हैं।