Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Aug, 2018 03:44 PM
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने हाल ही में नया ज्ञान दिया था कि बतख ऑक्सीजन लेवल बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर नीरमहल लेक में 50 हजार सफेद बतखें घूमेंगी तो कितना सुंदर दृश्य होगा और साथ ही उससे ऑक्सीजन भी रिसाइकल होती है।
अगरतलाः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने हाल ही में नया ज्ञान दिया था कि बतख ऑक्सीजन लेवल बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर नीरमहल लेक में 50 हजार सफेद बतखें घूमेंगी तो कितना सुंदर दृश्य होगा और साथ ही उससे ऑक्सीजन भी रिसाइकल होती है। उन्होंने कहा कि मैं घोषणा करता हूं कि जल्द ही 50 हजार देसी हंस (बतख) लोगों को दिए जाएंगे। बिप्लब के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उनका काफी मजाक उड़ाया था। हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन के साइंटिस्ट ए देबबर्मा ने सीएम की बात को सही ठहराते हुए कहा कि 'बतख-मछली फार्मिंग एक इंटीग्रेटेड फार्मिंग है और इनके मल-मूत्र से मछलियों को बढ़ने में मदद मिलती है।
देबबर्मा ने कहा कि यह सच है कि बतख प्राकृतिक एरेटर होते हैं और यह ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि बतख पालन से स्थानीय लोगों को 8 से 10 करोड़ का रोजगार भी होगा। बिप्लब आए दिन अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। उन्होंने दावा किया था कि महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट थे जिसकारण संजय महाभारत युद्ध को लाइव देख सके थे। वहीं उन्होंने युवाओं को नौकरियों के बदले पान की दुकान खोलने की सलाह भी दे डाली थी।