Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Nov, 2019 02:02 PM
महाराष्ट्र में भले ही शनिवार को फडणवीस सरकार बन गई हो लेकिन अभी सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार गठन को एक्सीडेंटल शपथ ग्रहण बताया है। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में फडणवीस को बहुमत साबित...
मुंबईः महाराष्ट्र में भले ही शनिवार को फडणवीस सरकार बन गई हो लेकिन अभी सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार गठन को एक्सीडेंटल शपथ ग्रहण बताया है। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में फडणवीस को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर की समय सीमा इसलिए दी गई ताकि दल बदल कराया जा सके। शिवसेना नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नई सरकार के गठन की मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के साथ 165 विधायक हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि यह चोरी है, जिसे पिक पॉकेटिंग कहा जाता है। राउत ने कहा कि अजित पवार कोई बड़े नेता नहीं हैं, वे शरद पवार की छाया में पले-बढ़े हैं। राउत ने कहा कि भाजपा ने अजित पवार को जेल भेजने के नाम से जनता से वोट मांगा था तो क्या अब आर्थर रोड जेल में अजित का दफ्तर होगा। वहीं राउत ने कहा कि अगर राज्यपाल अभी कहें तो हम 10 मिनट में अपना बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने जन नेता शरद पवार के साथ विश्वासघात करके ‘‘अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल'' की है। राउत ने कहा कि अजित पवार को राकांपा से तोड़ना भाजपा का आखिरी दांव है जो उस पर भारी पड़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार ने अपनी पार्टी के विधायकों को ‘‘भ्रम'' में रखा और ज्यादातर विधायक राकांपा खेमे में लौट आए हैं। राउत ने यह भी कहा कि 23 नवंबर का दिन महाराष्ट्र के इतिहास में ‘‘काला शनिवार'' था। शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल को ‘‘काला दिवस'' कहने का कोई अधिकार नहीं है। राउत ने पूछा कि अगर भाजपा के पास बहुमत था तो शपथ ग्रहण इतनी गोपनीयता से क्यों किया गया?'' उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा को ज्यादा वक्त देकर ‘‘पक्षपातपूर्ण तरीके'' से काम किया।