Edited By Yaspal,Updated: 07 Oct, 2018 11:24 PM
कर्नाटक में तीन लोकसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले से ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां अचंभित हैं। इन राजनीतिक दलों ने अगले साल की शुरूआत में...
बेंगलुरुः कर्नाटक में तीन लोकसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले से ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां अचंभित हैं। इन राजनीतिक दलों ने अगले साल की शुरूआत में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह उपचुनाव कराने की जरूरत पर सवाल खड़े किए हैं। इस उपचुनाव में जीत हासिल करने वालों के लिए महज कुछ ही महीने का ही कार्यकाल होने का जिक्र करते हुए कांग्रेस और भाजपा ने कहा है कि लोकसभा चुनाव पांच महीने के अंदर होने वाले हैं।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कल शिवमोगा, बेल्लारी और मांडया लोकसभा सीटों तथा रामनगर एवं जामखांडी विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की। भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा (शिवमोगा) और बी श्रीरामालु (बेल्लारी) तथा जद (एस) के सीएस पुत्ताराजू (मांडया) के सांसद के तौर पर इस्तीफा देने के बाद इसकी जरूरत पड़ी। दरअसल, उन्होंने मई में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख दिनेश गुंडु राव ने तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाने की घोषणा पर शनिवार को सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस बारे में हमे सोचने की जरूरत है। उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने भी कहा कि तीन संसदीय सीटों पर उपचुनाव की घोषणा अचंभित करने वाली है। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रमुख येदियुरप्पा ने इसे अनवाश्यक करार दिया।