Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jun, 2018 12:40 PM
भाजपा एक जहां 2019 में फिर से सत्ता में आने के लिए जद्दोजहद कर रही है वहीं धीरे-धीरे उसके सहयेगी दलों के बीच खींचतान सामने आ रही है। शिवसेना के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड भी खुलकर भाजपा के विरोध में सामने आ गई है। बिहार में सीटों...
पटनाः भाजपा एक जहां 2019 में फिर से सत्ता में आने के लिए जद्दोजहद कर रही है वहीं धीरे-धीरे उसके सहयेगी दलों के बीच खींचतान सामने आ रही है। शिवसेना के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड भी खुलकर भाजपा के विरोध में सामने आ गई है। बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच जेडीयू नेता संजय सिंह ने आज कहा कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में काफी अंतर है। भाजपा नीतीश कुमार के समर्थन के बिना इस बार आसानी से चुनाव नहीं जीत पाएगी। बता दें कि जेडीयू इस बार 25 सीटों की मांग कर रही है जबकि भाजपा 22 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
सीटों के फंसे पेंच के बीच जेडीयू नेताओं की बयानबाजी भी खुलकर सामने आने लगी है। जेडीयू पहले ही साफ कर चुकी है कि इस बार वे कमजोर नहीं पड़ने वाली है और अगर भाजपा को उनकी मांग स्वीकार नहीं है तो वह जेडीयू से गठबंधन खत्म करके अकेले ही सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़े। जिस तरह से भाजपा के सहयोगी दल उससे अलग हो रहे हैं ऐसे में उसके लिए 2019 की राह आसान न होगी।
हाल ही में शिवसेना ने भी अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। और कुछ दिन पूर्व भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की पीडीपी से गठबंधन खत्म कर लिया है। महबूबा मुफ्ती सरकार गिरने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब राज्यपाल शासन लागू है।