अधिकांश राज्यों में भाजपा सरकार, जीएसटी में क्यों नहीं पेट्रोल-डीजल- कांग्रेस

Edited By Yaspal,Updated: 11 Jun, 2018 07:01 PM

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देश में आसमान छूते तेल के दामों को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नही ला रही है।

नेशनल डेस्कः देश में आसमान छूते तेल के दामों को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नही ला रही है। जैसे ही वह तेल को जीएसटी के दायरे में लाएगी, उसके दाम खुद-व-खुद कम हो जएंगे।

मोदी सरकार पर निशाना साधाते हुए चिदंबरम ने कहा कि पिछले चार सालों से केंद्र में भाजपा की सरकार है और देश के अधिकतर राज्यों में भी भाजपा की ही सरकारें हैं फिर केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर आरोप क्यों लगा रही है। उन्होंने कहा कि अब तो केंद्र सरकार सीधे तौर पर राज्यों में तेल को जीएसटी के दायरे में ला सकती है क्योंकि अधिकतर सरकारें उसी की हैं फिर देर किस बात की।

— ANI (@ANI) June 11, 2018


जनता में है नाराजगी
चिदंबरम ने आगे कहा कि यह समझ से अलग है कि मई-जून 2014 में तेल और एलपीजी की जो कीमतें थीं, उससे आज की कीमतें अधिक क्यों बनी हुई हैं। ये हालात जब हैं कि अधिकतर भाजपा की सरकारें हैं और इनकी बढ़ती कीमतों का कोई बड़ा कारण नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाया जा रहा है। जिसकी नाराजगी लोगों में व्यापक रूप से देखने को मिल रही है।

उन्होंने भाजपा सरकार् को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत कुछ और नहीं मजबूर जनता को लूटने की कोशिश है। चिदंबरम यहीं नहीं रुके और आगे कहा, यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सका है तो इसके दाम अपने आप कम हो फिर बीजेपी सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है आखिर क्यों?

रेपो रेट बढ़ाए जाने पर भी किया सवाल
पूर्व वित्त मंत्री ने आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने को लेकर भी सरकार से सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा मंहगाई दर तेजी से बढ़ रही है। मुद्रहास्फीति से उम्मीदें भी अधिक हैं, लेकिन पिछले दिनों रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद अब किसी तरह के सबूत की जरूरत नहीं रह गई है। रेपो रेट बढ़ाए जाने से ब्याजदर भी बढ़ जाएगा। इसका सीधा असर आम जनता और निर्मताओं पर पड़ेगा।

— ANI (@ANI) June 11, 2018

 

         

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