भाजपा सरकार जश्न न मनाए, ‘राफेल घोटाले' की जांच कराए: कांग्रेस

Edited By vasudha,Updated: 14 Nov, 2019 05:32 PM

bjp government should investigate rafale scam

उच्चतम न्यायालय की ओर से राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के बाद कांग्रेस ने कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए...

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय की ओर से राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के बाद कांग्रेस ने कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी जांच एजेंसी को जांच से नहीं रोका है और ऐसे में भाजपा सरकार को जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि इस ‘घोटाले' की जांच करानी चाहिए।

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कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं। हमारा अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने कहा कि जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है। भाजपा नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं। वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं। जेपीसी की जांच जरूरी है। भाजपा जश्न नहीं मनाए, जांच कराए। 

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सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं। पहला सवाल यह है कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स को क्यों अलग कर दिया? यह ठेका 12 दिन पुरानी कंपनी को क्यों दे दिया गया? विमान की कीमत क्यों बढ़ाई गई? जब 126 विमानों की जरूरत थी तो 36 विमान क्यों खरीदे गए? रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अहवेलना क्यों की गई? भाजपा सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से उपेक्षित क्यों किया? विमानों की आपूर्ति आठ साल में क्यों की जा रही है? नरेंद्र मोदी ने विमान की बुनियादी कीमत में 40 फीसदी बढ़ोतरी क्यों की?

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उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं। न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में सावधान रहना चाहिए । 

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