Edited By Yaspal,Updated: 08 Sep, 2018 11:02 PM
एससी/एसटी एक व आरक्षण के मुद्दे पर सवर्णों में नाराजगी और जगह-जगह से आरक्षण के खिलाफ नोटा दबाने की उठ रही मांग को बीजेपी ने अपने तरीके से परिभाषित कर विपक्ष पर सियासी...
नेशनल डेस्कः एससी/एसटी एक व आरक्षण के मुद्दे पर सवर्णों में नाराजगी और जगह-जगह से आरक्षण के खिलाफ नोटा दबाने की उठ रही मांग को बीजेपी ने अपने तरीके से परिभाषित कर विपक्ष पर सियासी हमला कर रही है। वेस्ट यूपी बीजेपी ने बाकायदा नोटा का मतलब एक बार फिर नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के तौर पर सोशल मीडिया पर पेश किया है। पार्टी नोटा (NOTA) को ‘नमो वन टाइम अगेन’ के दौर पर प्रचारित करने लगी है। पार्टी की सोशल मीडिया पर छेड़ी गई इस मुहिम को बीजेपी के बड़े नेता लाइक कर रहे हैं।
बीजेपी अपने तरीके आरक्षण को लेकर सवर्णों में पनपी नाराजगी को डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। लोगों को एससी/एसटी एक्ट में उत्पीड़न नहीं होने देने कि लिए बूथ संपर्क अभियान के दौरान आश्वस्त करने का प्लान बनाया गया है। संतो की ओर से 108 दिन निकलने वाली रथयात्रा के दौरान भी आरक्षण को लेकर पैदा हुए हालात को सामन्य करने की कोशिश होगी।
विपक्ष के #Nota का मतलब है
N - Namo
O - One
T - Time
A - Again pic.twitter.com/cNFfLT6ell
— Bjp West UP (@upwestbjp) September 7, 2018
एससी/एसटी आरक्षण से खुद के उत्पीड़न का आरोप लगाकर जिस तरह सवर्ण समाज ने बंद बुलाया और लगातार संसोधन की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। उससे विपक्ष का उनको थोड़े वक्त के लिए साथ मिला। भारत बंद के दौरान जगह-जगह आवाज उठी कि अब ‘कोटा’ के खिलाफ नोटा अपनाया जाएगा। इसको लेकर बीजेपी में हर स्तर पर मंथन चल रहा है। बीजेपी इस मामले को लेकर बड़े वर्ग की नाराजगी दूर कर सभी को साधने की जुगत में है। इस बीच वेस्ट यूपी बीजेपी की ओर से एक पोस्टर ‘नोटा’ को लेकर जारी किया गया, जिस पर पीएम मोदी अभिवादन के लिए एक हाथ उठाए आकर्षक और आत्मविश्वास से लबरेज फोटो है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से जिले के नेताओं को संदेश भिजवाया गया है। कि वह बूथ संपर्क अभियान के तहत लोगों को समझाएं कि एससी/एसटी एक्ट से किसी बेगुनाह का उत्पीड़न नहीं होगा। इसको लेकर विपक्ष की ओर से किए जा रहे दुष्प्रचार को नाकाम करें।