लेह प्रेस को रिश्वत : चुनाव अधिकारी ने कहा- भाजपा नेताओं के खिलाफ़ आरोप सही

Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 May, 2019 03:24 PM

bjp is in trouble in leh media bribe case

लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट करने के लिए जम्मू कश्मीर भाजपा नेताओं द्वारा लेह में मीडियाकर्मियों को लिफाफे में पैसे दिए जाने की शिकायतों को प्रथम दृष्टया सही पाया गया है।

श्रीनगर : लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट करने के लिए जम्मू कश्मीर भाजपा नेताओं द्वारा लेह में मीडियाकर्मियों को लिफाफे में पैसे दिए जाने की शिकायतों को प्रथम दृष्टया सही पाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की जांच के आदेश देने वाली लेह की जिला चुनाव अधिकारी और उपायुक्त अवनि लवासा ने कहा कि हम इस मामले में पुलिस के जरिए मंगलवार को जिला अदालत गए। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश मांगे लेकिन अदालत ने इस मामले में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। अवनि लवासा ने कहा कि यह शिकायतें भाजपा नेताओं द्वारा आचार संहिता का कथित उल्लंघन ही नहीं बल्कि अपराध भी है। अवनि लवासा 2013 बैच की जम्मू कश्मीर कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। वह मौजूदा चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की बेटी हैं।

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लद्दाख सीट पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत सोमवार को चुनाव हुआ था। लवासा ने कहा कि मीडियाकर्मियों को रिश्वत देने के आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने पुलिस को लिखा है कि वह या तो एफआईआर दर्ज करें या शिकायत लिखें। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मंगलवार को इसे अदालत के समक्ष पेश किया गया। लवासा ने कहा कि हम इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगा रहे हैं। अब तक तीन शिकायतें आ गई हैं, जिसमें से एक हमारी तरफ से और दो अन्य प्रेस क्लब लेह और लेह के एसएचओ की हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अब इन सभी शिकायतों को एक साथ दर्ज करने वाली है। लेह प्रेस क्लब ने जिला चुनाव अधिकारी और एसएचओ लेह के साथ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराया था, जिसमें दो मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडियाकर्मियों को रिश्वत देने के लिए जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना और एमएलसी विक्रम सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया गया था।

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हालांकि जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रैना ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि दो मई को लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी के नेताओं ने मीडियाकर्मियों को जो लिफाफे दिए गए थे, उसमें एक रैली का निमंत्रण पत्र था, जिसे दो दिन बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि हमने उनकी (सीतारमण) रैली में प्रमुख लोगों को आमंत्रित करने के लिए लगभग 2,000 कार्ड छपवाए थे और इनमें से कुछ मीडियाकर्मियों को भी दिए गए थे। रैना ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर किसी भी मीडियाकर्मी को लिफाफा नहीं दिया। रैना ने उन मीडियाकर्मियों के खिलाफ  मानहानि का मामला दर्ज कराने की धमकी दी है, जिन्होंने उनका नाम लिया।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप में कुछ भाजपा नेताओं को चार से पांच मीडियाकर्मियों को लिफाफे देते देखा जा सकता है, जिसमें दो महिला पत्रकार भी हैं। एक महिला पत्रकार को लिफाफा खोकर देखते और इसे वापास भाजाप नेता को लौटाते देखा जा सकता है जबकि भाजपा नेता उस लिफाफे को पत्रकार से लेने से मना कर देते हैं, महिला पत्रकार उस लिफाफे को मेज पर रख देती है।
 

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