Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 01:03 PM
एक पुरानी मिथ चली आ रही है कि एक नेता का बेटा नेता और डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बनता है लेकिन राजस्थान में एक विधायक के बेटे के साथ ऐसा नहीं हुआ। विधायक के बेटे का चयन एक ऐसी नौकरी के लिए हुआ जिसे सुन सभी हैरान रह गए।
नई दिल्लीः एक पुरानी मिथ चली आ रही है कि एक नेता का बेटा नेता और डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बनता है लेकिन राजस्थान में एक विधायक के बेटे के साथ ऐसा नहीं हुआ। विधायक के बेटे का चयन एक ऐसी नौकरी के लिए हुआ जिसे सुन सभी हैरान रह गए। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक राजस्थान विधानसभा सचिवालय के लिए चतुर्थ श्रेणी के 18 चपरासियों की भर्ती निकली थी, जब इसका रिजल्ट आया तो सब हैरान रह गए। दरअसल इस लिस्ट में 12 नंबर पर रामकृष्ण मीणा का नाम था जो कि जामवा रामगढ़ से भाजपा विधायक जगदीश नारायण मीणा के बेटे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता ने भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है। सचिन ने चयन प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी की है। वहीं, भाजपा विधायक मीणा का इस पूरे मामले में कहना है कि चयन प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हुई है इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर मैं अपने बेटे की मदद करता तो क्या उसे चपरासी के पद पर नियुक्त करवाता। मेरे बेटे ने सामान्य प्रक्रिया की तरह ही इस जॉब के लिए आवेदन किया था उसने इंटरव्यू दिया और अब उसका चयन हुआ है।
विधायक के बेटे रामकृष्ण ने बताया कि वह खेती करता था। पिता ने कहा कि विधानसभा में नौकरी कर ले तो मैंने अप्लाई कर दिया था और मेरा चयन हो गया।
बता दें कि इस भर्ती के लिए 12,453 आवेदन आए थे, जिसमें 129 इंजीनियर, 23 वकील और 393 एम.ए. की पढ़ाई कर चुके लोग शामिल थे।