Edited By Yaspal,Updated: 24 May, 2018 06:52 PM
संयुक्त राष्ट्र संघ की गुडविल ब्रांड अंबेसडर और बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने पिछले दिनों रोहिंग्या मुसलमान से मुलाकात की। प्रियंका की इस मुलाकात ने कई लोगों का पारा चढ़ा दिया।
नेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र संघ की गुडविल ब्रांड अंबेसडर और बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने पिछले दिनों रोहिंग्या मुसलमान से मुलाकात की। प्रियंका की इस मुलाकात ने कई लोगों का पारा चढ़ा दिया। भाजपा सांसद और बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक विनय कटियार ने उन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कटियार ने कहा कि प्रियंका चोपड़ा जैसे लोग रोहिंग्या मुसलमान की हकीकत नहीं जानते हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों को इस देश में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है और जो लोग उनसे हमदर्दी रखते हों, उन लोगों को भी इस देश में रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
इस मुलाकात के बाद प्रियंका सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुईं। उनसे सवाल किये जा रहे हैं कि दिल्ली में कई बार आई होंगी, लेकिन कभी वह कश्मीर से विस्थापित कर दिए गए हिंदुओं और कश्मीरी पंडित से मिलने क्यों नहीं गई?
बता दें कि अपने दौरे के बाद प्रियंका ने सोशल साइट्स इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखी थी। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि मैं यूनिसेफ बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में हूं, जो दुनिया का सबसे बड़ा रिफ्यूजी कैंप है। वर्ष 2017 के बीच दुनिया ने देखा कि किस तरह नैतिक सफाई के नाम पर म्यांमार के रखाइन प्रांत से रोहिंग्या मुस्लिमों को निकाल दिया गया। इस हिंसा में करीब 7 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंचे, जिनमें 60% बच्चे थे। कई महीने बीत जाने के बाबजूद ये बच्चे अभी भी शारीरिक रूप से कमजोर हैं और भीड़भाड़ वाली जगह पर रहते हैं।
प्रियंका ने पोस्ट में आगे लिखा, “यह और भी बुरा है कि इन बच्चों को नहीं पता कि इनका ताल्लुक कहां से है और पता नहीं कब तक ऐसा रहने वाला है या फिर अगला खाना उन्हें कब मिलेगा? मानसून सीजन की शुरूआत होने वाली है और इस सीजन में इन लोगों को डर है कि जो कुछ भी इन्होंने बनाया है वो सबकुछ तबाह हो जाएगा। यहां बच्चों की पूरी एक पीढ़ी है, जिसका कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अभी इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कराहट है, ये बच्चे मानवीय संकट का दर्द सबसे ज्यादा झेल रहे हैं और इन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। दुनिया को इनकी मदद करनी चाहिए, ये बच्चे हमारा भविष्य हैं”।
दरअसल, रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रांत के रहने वाले हैं। स्थानीय सरकार उन्हें प्रवासी और शरणार्थी मानती थी। इसी दौरान म्यांमार बौद्ध, हिंदुओं और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच भारी संघर्ष शुरू हो गया। एमिनेस्टी इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक रोहिंग्या मुस्लिमों के आतंकवादी संगठन अरसा ने अपने दो हमलों में 99 से ज्यादा आम हिंदुओं की हत्या की थी। इन लाशों को म्यांमार की सरकार ने चार सामूहिर कब्रों से बरामद किया था। म्यांमार में हुए संघर्ष के बाद यहां के 7 लाख मुसलमानों को बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में शरण लेनी पड़ी थी और अब यहां भी उनकी आबादी बढ़ती जा रही है। एमनेस्टी रिपोर्ट बताती है कि रोजाना यहां पर 60 बच्चे जन्म ले रहे हैं।