Edited By Yaspal,Updated: 22 May, 2020 05:45 PM
हाल ही में त्साई इंग-वेन ने दूसरी बार ताइवान के राष्ट्रपति के पद के रूप में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण में भाजपा के दो सांसदों (मीनाक्षी लेखी और राहुल कस्वान) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया और वेन को बधाई दी। लेखी और कस्वान समेत दुनियाभर के...
इंटरनेशनल डेस्कः हाल ही में त्साई इंग-वेन ने दूसरी बार ताइवान के राष्ट्रपति के पद के रूप में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण में भाजपा के दो सांसदों (मीनाक्षी लेखी और राहुल कस्वान) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया और वेन को बधाई दी। लेखी और कस्वान समेत दुनियाभर के 41 देशों के कुल 42 गणमान्य हस्तियों ने इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। बता दें कि ताइवान ने कोरोना वायरस महामारी के चलते विदेशियों के आगमन पर पाबंदी लगाई हुई है। गौरतलब है कि चीन ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा नहीं देता है और उसे अपना ही एक हिस्सा बताता है।
ताइवान के लिए मोदी सरकार बदल रही नीति
इससे पहले 2016 में मोदी सरकार ने न्योता मिलने के बावजूद अपने किसी सांसद को सरकार ने त्साई इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं भेजा था लिया। इस बार मीनाक्षी लेखी और राहुल कस्वान की उपस्थिति के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार ताइवान के प्रति अपनी नीति बदल रही है।
ताइवान से अब भी नहीं है राजनयिक संबंध
इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में लेखी और कस्वान के अलावा भारत-ताइपे असोसिएशन के कार्यकारी महानिदेशक सोहंग सेन ने भी हिस्सा लिया। ताइपे में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। ध्यान रहे कि संयुक्त राष्ट्र के 194 सदस्य देशों में से 179 देशों का ताइवान के साथ राजनयिक संबंध हैं, लेकिन भारत अब तक इससे बच रहा है।
बधाई संदेश में भारत-ताइवान रिश्तों पर जोर
लेखी और कस्वान ने अपने साझे संदेश में कहा कि भारत और ताइवान लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करते हैं। संदेश में कहा गया, 'भारत और ताइवान, दोनों लोकतांत्रिक देश हैं और स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों के सम्मान के साझे मूल्यों से बंधे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत और ताइवान ने द्विपक्षीय रिश्तों में व्यापार, निवेश और लोगों के आपसी आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में काफी विस्तार दिया है।' मीनाक्षी लेखी ने अलग से भी एक संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने त्साई को बधाई देते हुए उनकी बेहतरीन कामयाबी की कामना की गई। लेखी ने भी अपने संदेश में भारत-ताइवान के व्यापक रिश्तों की प्रगाढ़ता का जिक्र किया।