Edited By shukdev,Updated: 05 Jan, 2019 08:31 PM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चेन्नई में रविवार से चार दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन करेगा जिसमें भाजपा और विश्व हिंदू परिषद सहित इससे जुड़े 30 से अधिक संगठन हिस्सा लेंगे। बैठक में मुख्यत: संगठन के पहलुओं पर गौर किया जाएगा और स्वॉट (मजबूती, कमजोरी,...
चेन्नई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चेन्नई में रविवार से चार दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन करेगा जिसमें भाजपा और विश्व हिंदू परिषद सहित इससे जुड़े 30 से अधिक संगठन हिस्सा लेंगे। बैठक में मुख्यत: संगठन के पहलुओं पर गौर किया जाएगा और स्वॉट (मजबूती, कमजोरी, अवसर, खतरे) विश्लेषण किया जाएगा ताकि विशिष्ट संगठनों को अपने ‘राष्ट्रवादी लक्ष्यों’ में सहयोग मिले।
आरएसएस के सूत्रों ने संकेत दिए कि सत्र को भले ही आरएसएस की तरफ से नियमित बताया जाएगा लेकिन उम्मीद है कि विहिप को शांत करने के लिए ‘विस्तृत दिशानिर्देश’ दिए जाएंगे ताकि अयोध्या मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाल के रुख को अपना सके। विहिप ने कहा था, ‘राम मंदिर के लिए हिंदू अनंत काल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते।’
मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए किसी भी अध्यादेश जैसी पहल से पहले मामले का उच्चतम न्यायालय में निस्तारण हो। बैठक में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की चुनावी हार की समीक्षा के अलावा संघ परिवार के 30 से अधिक संगठनों के कार्यों की भी समीक्षा होगी।