लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए BJP का मंथन शुरू, बड़े आर्थिक और राजनीतिक फैसलों की तैयारी

Edited By Naresh Kumar,Updated: 13 Dec, 2018 06:18 PM

bjp starts brainstorming for lok sabha polls

3 राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से सकते में आई भाजपा को अब लोकसभा चुनाव के लिए एक लिहाज से नई रणनीति तैयार करनी पड़ेगी। पार्टी के शीर्ष नेता इस हार के कारणों के मंथन के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की बड़ी लड़ाई

जालंधर (नरेश कुमार): 3 राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से सकते में आई भाजपा को अब लोकसभा चुनाव के लिए एक लिहाज से नई रणनीति तैयार करनी पड़ेगी। पार्टी के शीर्ष नेता इस हार के कारणों के मंथन के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की बड़ी लड़ाई की रणनीति बनाने में जुट गए हैं और जमीनी स्तर पर हार के कारणों का पता लगाने का काम शुरू हो गया है ताकि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को ऐसे नतीजे न देखने पड़ें। इसके लिए राजनीतिक गठबंधन के अलावा सामाजिक और आर्थिक फैसलों को लेकर सहमति बनाए जाने की तैयारी है। संगठन के तौर पर तैयारी 3 राज्यों के चुनाव परिणाम से साफ है कि भाजपा के संगठन में कहीं न कहीं कमी रही है। बूथ स्तर पर वोटरों पर काम करने वाले भाजपा के पन्ना प्रमुख वोटरों को बूथ तक नहीं ले जा पाए। भाजपा लोकसभा चुनाव में संगठन पर जोरदार काम करेगी।
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भाजपा के सामने चुनौतियां

  • नोटबंदी और जी.एस.टी. से कोर वोटर नाराज हैं
  • हिन्दू जातियों में विभाजित हैं, इन्हें एकजुट करना होगा
  • देश में 2014 जैसी मोदी लहर नहीं
  •  सहयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर सहज नहीं 
  • मोदी के अलावा जनता में अपील वाला चेहरा नहीं
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    मंत्रियों के बड़बोलेपन पर रोक लगाएगी
    भारतीय जनता पार्टी के मंत्री और नेता अपने बड़बोलेपन से पार्टी का नुक्सान कर रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवान हनुमान को दलित बताने वाले बयान का पार्टी को नुक्सान हुआ है। राजस्थान में पार्टी के नेताओं ने ब्राह्मण-बनिया वोटरों की अहमियत को कमतर कर के आंका और ऐसे बयान दिए जिससे कोर वोटर नाराज हुआ। ऐसे बयानों पर पार्टी रोक लगाएगी
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    युवाओं पर होगा फोकस
    देश में 60 करोड़ युवा वोटर हैं और भाजपा ने पिछला चुनाव युवाओं के दम पर जीता था। देश में रोजगार के मोर्चे पर ज्यादा प्रयास न होने से युवा सरकार से नाराज हैं। देश के अधिकतर युवा सोशल मीडिया पर हैं लिहाजा सोशल मीडिया पर ज्यादा फोकस हो सकता है।

    उपलब्धियों के प्रचार में आएगी तेजी
    भारतीय जनता पार्टी पर प्रचार में करोड़ों रुपए बहाने का आरोप लगता है लेकिन इसके बावजूद सरकार अपनी 4 साल की उपलब्धियां जनता में पहुंचाने में नाकाम रही है। अब यह काम भाजपा पार्टी स्तर पर कर सकती है और पार्टी फंड से निजी प्रचार माध्यमों से लोगों को जागरूक करने के लिए खजाने का मुंह खोला जा सकता है। चुनाव प्रचार के दौरान भी नकारात्मक प्रचार की बजाय अपनी उपलब्धियों पर फोकस बनाया जाएगा।

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भाजपा क्या करेगी

  • एन.डी.ए. छोड़ कर जा रहे सहयोगियों पर रोक लगाएगी।
  • शिवसेना के सामने झुक कर भी उसे मना सकती है।
  • किसानों की कर्ज माफी का फैसला हो सकता है।
  • राम मंदिर को लेकर संसद में बड़ी पहल हो सकती है।
  • विपक्षी गठबंधन न होने देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया जाएगा।

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