Edited By Yaspal,Updated: 04 Nov, 2018 10:06 PM
कर्नाटक सरकार ने रविवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह 10 नवंबर को मनाए जाने वाले ‘टीपू जयंती’ समारोहों के मुद्दे पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर...
बेंगलुरूः कर्नाटक सरकार ने रविवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह 10 नवंबर को मनाए जाने वाले ‘टीपू जयंती’ समारोहों के मुद्दे पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। साथ ही, राज्य सरकार ने उस दिन कानून व्यवस्था की स्थिति बिगाडऩे की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। मैसूर रियासत के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के जयन्ती समारोह को 2016 से राज्य सरकार 10 नवंबर को मनाते आ रही है।
कर्नाटक सरकार का क्या है आरोप
उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा, ‘‘भाजपा टीपू जयंती मुद्दे पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। कानून-व्यवस्था खराब करने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनों के बावजूद कार्यक्रम बिना किसी हस्तक्षेप के आयोजित होगा। गौरतलब है कि भाजपा और आरएसएस ने 10 नवंबर 2016 को समारोह आयोजित करने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण’’ करार दिया था।
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा
इस बीच, कौशल विकास राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने राज्य सरकार से कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम शामिल नहीं करने का आग्रह किया। हालांकि, परमेश्वर ने कहा कि हेगड़े का नाम पहले ही शामिल किया जा चुका है और अब यह उनके ऊपर है कि वह कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं, या नहीं। हेगड़े ने पिछले साल भी इस तरह का आग्रह किया था। वर्ष 2016 में उन्होंने टीपू जयंती समारोह मनाने को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया था। उन्होंने दावा किया था कि टीपू ‘‘कन्नड़ भाषा और हिन्दू विरोधी’’ थे।