Edited By Yaspal,Updated: 06 Aug, 2018 06:27 PM
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं संघ ( आरएसएस ) के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सोमवार को कहा कि वे दोनों शीर्ष न्यायालय के खिलाफ...
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं संघ ( आरएसएस ) के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सोमवार को कहा कि वे दोनों शीर्ष न्यायालय के खिलाफ गुमराह करने वाले बयान दे रहे हैं और उनका प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं।
ममता ने अपने सोशल नेटवर्किंग पेज पर लिखा,‘‘उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से भारतीय नागरिकों के नाम हटाने के लिए कभी नहीं कहा” उन्होंने कहा कि इस सूची में जिन भारतीय नागरिकों के नाम छोड़ दिये गये हैं उनमें बंगाली, असमिया, राजस्थानी, मारवाड़ी, बिहारी, गोरखा, उत्तर प्रदेश वासी, पंजाबी और दक्षिण भारत के चार राज्यों में रहने वाले लोगों के नाम भी शमिल नहीं हैं”
मुख्यमंत्री ने कहा, बहादुर जवानों, पूर्व राष्ट्रपति के परिवार वालों, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, सिविल सोसाइटी के मुख्य सदस्यों और गरीब और वंचित लोगों के नाम भी गायब मिले हैं। गंभीर विसंगतियों के कारण विभाजित परिवारों में भी दहशत फैलने के कई उदाहरण सामने आये हैं। बनर्जी ने सवाल उठाया, कहां है लोकतंत्र? कहां है धर्म- निरपेक्षता? क्यों हमारे देश के आधारभूत मूल्यों को खत्म किया जा रहा हैं? क्यों केंद्रीय बल की 200 कंपनियों को असम भेजा गया है?
ममता ने भाजपा और संघ की हर गतिविधि को राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत सोच समझकर उठाया गया विध्वंसक कदम बताया। गौरतलब है कि असम में 30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदे जारी किया गया था, जिसमें 40 लाख आवेदकों के नाम सूची से गायब थे।