Edited By vasudha,Updated: 20 Apr, 2018 02:08 PM
पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले पंचायत चुनावों की तारीख की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस चुनाव में सत्ताधारी तृलमूल कांग्रेस, वाम दल और भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले पंचायत चुनावों की तारीख की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस चुनाव में सत्ताधारी तृलमूल कांग्रेस, वाम दल और भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसी बीच मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले से बरी हुए स्वामी असीमानंद को लेकर भाजपा एक बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार हिंदू संगठनों से जुड़े रहे असीमानंद पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे। वह राज्य में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
राज्य में भाजपा को करेंगे मजबूत
आरएसएस के पूर्व प्रचारक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक इंटरव्यू में इस बात का संकेत दिया। घोष ने कहा कि वह असीमानंद राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए सहमत हैं और काम करेंगे। उन्होंने लंबे समय तक बंगाल में आदिवासियों के बीच काम किया है पार्टी के लिए कई तरह से वो मदद कर सकते हैं। असीमानंद के छोटे भाई सुशांत सरकार मौजूदा समय में हुगली से भाजपा के सचिव हैं।
मक्का मस्जिद केस से असीमानंद हुए बरी
बता दें कि सोमवार को एनआईए कोर्ट ने हैदराबाद के मक्का मस्जिद केस में असीमानंद सहित पांच आरोपियों को बरी कर दिया था। स्वयंभू धर्मगुरु स्वामी को आज भी लोग हिंदू राष्ट्र के प्रबल समर्थक और कभी समझौता न करने वाले व्यक्ति के तौर पर याद करते हैं। उन्होंने गुजरात के आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियों के मतांतरण के अभियान को रोकने के लिए भी करई प्रयास किए। बंगाली परिवार में जन्मे असीमानंद ने शुरुआत से ही आदिवासियों के बीच काम किया। आरएसएस के एक सीनियर लीडर ने बताया कि एक गुरु से संन्यास लेने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था और फिर आदिवासियों के बीच काम करने लगे।