‘नेशन विद नमो’ के जरिये युवा, किसान और महिलाओं को साधेगी भाजपा

Edited By vasudha,Updated: 30 Dec, 2018 01:37 PM

bjp use nation with namo tag in loksabha election

हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में पराजय के बाद, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए प्रयासरत भाजपा ‘‘नेशन विद नमो’’ और ‘पहला वोट मोदी के नाम’ अभियान के जरिये युवाओं एवं पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को साधेगी...

नेशनल डेस्क: हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में पराजय के बाद, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए प्रयासरत भाजपा ‘‘नेशन विद नमो’’ और ‘पहला वोट मोदी के नाम’ अभियान के जरिये युवाओं एवं पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को साधेगी ।  भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी का मंत्र सबका साथ, सबका विकास है। आगामी लोकसभा चुनाव में हमारा जोर युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों, सैनिकों पर रहेगा।

50 लाख युवाओं को दिलाया जायेगा संकल्प 
भाजपा नेता ने बताया कि पार्टी का अपनी चुनावी रणनीति के तहत किसानों, आदिवासियों, दलितों, महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में किसान कुंभ, बिरसा ग्राम सभा, भीम समरसता भोज, उज्जवला रसोई कार्यक्रम आयोजित करने का वृहद कार्यक्रम है। पार्टी 12 जनवरी को ‘नेशन विद नमो’ अभियान को औपचारिक रूप से आगे बढ़ायेगी । इसके तहत आने वाले समय में ‘नेशन विद नमो वॉलन्टियर’ के जरिये देश में 50 लाख युवाओं को संकल्प दिलाया जायेगा। साथ ही पार्टी 15 जनवरी से 10 फरवरी तक देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में युवा संसद कार्यक्रम आयोजित करेगी।  

लोकसभा चुनाव के​ लिए भाजपा ने कसी कमर 
भाजपा ने पहली बार वोट डालने वाले युवाओं पर खास जोर दिया है और इन्हें पार्टी से जोडऩे के लिये ‘पहला वोट मोदी के नाम’ पहल शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 2000 में जन्म लेने वाले और 2019 के चुनाव में पात्र मतदाताओं का उल्लेख किया था। तब से ही भाजपा इस पहल को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भाजपा को शिकस्त मिली है, जहां लोकसभा की 65 सीटें हैं । भाजपा ने 2014 के चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर 2019 में यह संख्या घटकर आधी रह सकती है। ऐसे में पार्टी इस हार से उबरकर लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसने में जुटी है।  

किसान एवं कृषि बनेगा महत्वपूर्ण मुद्दा
हिंदी पट्टी में हुए नुकसान की भरपाई पार्टी दक्षिण, पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्यों से करने की तैयारी में है। इस मकसद से प्रधानमंत्री मोदी केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में दो दर्जन से ज्यादा रैलियां करेंगे। इन इलाकों से लोकसभा की 122 सीटें आती हैं। भाजपा पदाधिकारी ने बताया कि आने वाले चुनाव में किसान एवं कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण मुद्दा बनने जा रहा है। ऐसे में किसान परिवारों तक इसके व्यापक प्रचार के लिये देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है।पार्टी ने हर बूथ पर लगभग दो दर्जन कार्यकर्ताओं की टोली बनाई है। यह टोली प्रति दिन सुबह-शाम और छुट्टी वाले दिनों में घर-घर जाकर परिवारों से मिलेगी तथा दुकानदारों एवं अन्य छोटे-मोटे काम करने वालों से भी संपर्क करेगी। 

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