जूनागढ़ में आसान नहीं भाजपा की राह, अपना गढ़ बचाने की चुनौती

Edited By vasudha,Updated: 12 Apr, 2019 03:04 PM

bjp way is not easy in junagadh

गुजरात में जूनागढ़ लोकसभा क्षेत्र 1991 से भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन भगवा पार्टी के लिए इस बार की राह आसान नहीं होगी क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनावों के परिणामों ने पार्टी के लिए चिंता खड़ी कर दी है...

नेशनल डेस्क: गुजरात में जूनागढ़ लोकसभा क्षेत्र 1991 से भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन भगवा पार्टी के लिए इस बार की राह आसान नहीं होगी क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनावों के परिणामों ने पार्टी के लिए चिंता खड़ी कर दी है। कांग्रेस ने पिछले 28 वर्षों में केवल एक बार 2004 में सौराष्ट्र के इस क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन विपक्षी दल अब विधानसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को आधार बनाकर भाजपा से सीट छीनने के लिए भरपूर कोशिश कर रहा है। 

राजेश चूडा़समा उतारे मैदान में 
2017 के विधानसभा चुनाव में, सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ से इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी सात विधानसभा सीटें निकल गयी थीं। ग्रामीण समस्या, जल संकट और कृषि उपज की कम कीमत जैसे मुद्दों को भुनाकर कांग्रेस इन सीटों को हासिल करने में कामयाब रही थी। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राजेश चूडा़समा को फिर से मैदान में उतारा है, जिनके सामने चुनाव मैदान में कांग्रेस के विधायक पुंजा वंश होंगे। 2014 में भी दोनों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया गया था, तब चूडा़समा ने 1.35 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।     

भाजपा को जीत मिलने की उम्मीद 
चुड़ासमा को इस आधार पर इस बार 2014 से भी बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है कि उन्होंने जूनागढ़ में एक सरकारी अस्पताल स्थापित करने और शहर के बाहरी इलाके में गिरनार पर्वत पर एक लंबे समय से योजनाबद्ध रोपवे परियोजना को पूरा करने में मदद की है। वर्तमान सांसद को जूनागढ़ के तटीय क्षेत्र में किये गये कार्यों के साथ कुछ सड़क परियोजनाओं को पूरा करने का भी श्रेय दिया जाता है। पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों का भी प्रचार कर रही है।      

पूरी ताकत लगा रही कांग्रेस 
स्थानीय भाजपा नेता संजय मानवर ने कहा कि लोग किसी भी अन्य चीज पर ध्यान नहीं देंगे, वे सिर्फ नरेंद्र मोदी को वोट देना चाहते हैं और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। हालांकि, कांग्रेस को 23 अप्रैल को होने वाले चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती देने की उम्मीद है। 2017 में, हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने इस क्षेत्र में आने वाली सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पटेल अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होगा। 2014 में, भाजपा ने सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।

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