ऑफ द रिकॉर्डः भाजपा 436 लोकसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव

Edited By Pardeep,Updated: 29 Mar, 2019 05:24 AM

bjp will contest 436 lok sabha seats

लोकसभा की 543 सीटों में से भाजपा के आगामी संसदीय चुनावों में देश भर में 436 सीटों पर चुनाव लडऩे की संभावना है। रोचक बात यह है कि यह संख्या लगभग वही है जिन पर पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव लड़ा था। 2014 में भाजपा ने 429 लोकसभा सीटों...

नेशनल डेस्कः लोकसभा की 543 सीटों में से भाजपा के आगामी संसदीय चुनावों में देश भर में 436 सीटों पर चुनाव लडऩे की संभावना है। रोचक बात यह है कि यह संख्या लगभग वही है जिन पर पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव लड़ा था। 2014 में भाजपा ने 429 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और अपने बलबूते पर 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा पिछले के मुकाबले 7 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि उसने तेदेपा, रालोसपा तथा कुछ अन्य प्रमुख सहयोगियों को खो दिया है। 
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पार्टी ने बिहार में नीतीश कुमार के जनता दल (यू) को अपने साथ जोड़ा है जो मोदी खेमे की एक बड़ी उपलब्धि है। यद्यपि भाजपा को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी जब इस सारी प्रक्रिया में पार्टी को अपने 5 निवर्तमान लोकसभा सांसदों और उनकी सीटों की कुर्बानी देनी पड़ी। भाजपा तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक को साथ मिलाने में कामयाब रही और उसे आशा है कि पार्टी के कम सीटों पर चुनाव लडऩे के बावजूद गठबंधन अधिक सीटें जीतेगा। 2014 में भाजपा ने तमिलनाडु में 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई थी लेकिन इस बार वह केवल 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 
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केरल में भाजपा इस बार 20 की बजाय 14 सीटों पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि उसने 6 सीटें अपने नए सहयोगियों को दी हैं। भाजपा झारखंड में एक क्षेत्रीय पार्टी ए.जे.एस.यू. को अपने साथ मिलाने में कामयाब रही और 14 सीटों में से एक सीट उसे दी। विभिन्न राज्यों में एन.डी.ए. में उसके लगभग 40 सहयोगी दल हैं। इसके बावजूद भगवा पार्टी के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे 4 प्रमुख राज्यों में कोई पार्टनर नहीं। इन चारों राज्यों की लोकसभा में 105 सीटें हैं। भाजपा अपने बलबूते पर इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसे आशा है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में उसे काफी सफलता मिलेगी। 
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2014 में भाजपा ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल 3 सीटें ही जीत पाई थी। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भाजपा ने 42 में से केवल 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल 3 में ही जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा को अकेले ही चुनाव लडऩे को बाध्य होना पड़ रहा है और मजबूत सहयोगी दल न मिलने के कारण खामोश है। पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि उसने तेलंगाना में टी.आर.एस. और आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर. कांग्रेस के साथ चुनावों के बाद तालमेल बनाने का विकल्प खुला छोड़ रखा है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी पश्चिम बंगाल में अपना समूचा ध्यान केन्द्रित कर रही है ताकि वहां वह 2 अंकों (डबल डिजिट) तक सीटों को प्राप्त कर सके।

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