Edited By Yaspal,Updated: 03 Oct, 2018 09:35 PM
2019 के चुनाव से पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा गैर-बीजेपी दलों को कमजोर करने की कोशिश...
नई दिल्लीः (मनीष शर्मा) 2019 के चुनाव से पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा गैर-बीजेपी दलों को कमजोर करने की कोशिश में लगी रहती है। बसपा सुप्रीमो ने यह भी साफ़ कर दिया है कि पार्टी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। कर्नाटक चुनाव के दौरान बनी महागठबंधन की तस्वीर पांच महीने में ही धुंधली पड़ने लग गई है। पहले आप और अब मायावती ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है। मायावती के इस कदम से उत्तर प्रदेश की लोक सभा सीटों पर विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन पर भी पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टियों का चुनाव प्रदर्शन
कुल सीट :80
2014 का वोट शेयर:
बीजेपी= 42.63%
सपा=22.35%
बसपा=19.77%
कांग्रेस=7.53%
राष्ट्रिय लोक दल=0.86%
अपना दल=0.67%
2014 के वोट शेयर को देखें तो मायावती महागठबंधन से जुडी रहती तो सभी विपक्षी पार्टियों को फायदा होना था। 2014 में एनडीए को 43.3 प्रतिशत वोट मिले थे तो महागठबंधन को 50.51% वोट मिले थे । 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी , राष्ट्रिय लोक दल और कांग्रेस को महागठबंधन बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसका नतीजा उन्हें अनुकूल भी मिला। कैराना, गोरखपुर और फूलपुर चुनावों में उन्हें जीत मिली थी। अब मायावती का कांग्रेस से दूरी बनाना बसपा के लिए कितना फायदेमंद होगा इसका तो पता नहीं लेकिन इतना तय है कि विपक्ष की फूट का बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में ज़रूर फायदा होगा। मनीष शर्मा, पंजाब केसरी।