मिशन 2019: शिवराज, रमण और वसुंधरा को दिल्ली नहीं बुलाएगी भाजपा

Edited By vasudha,Updated: 23 Dec, 2018 12:54 PM

bjp will not invite shivraj raman and vasundhara to delhi

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नए नेतृत्व की संभावना तलाश रहा भाजपा नेतृत्व 2019 लोकसभा चुनाव तक तीनों निवर्तमान मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह चौहान, रमण सिंह और वसुंधरा राजे को शायद ही केन्द्रीय राजनीति के लिए दिल्ली बुलाये...

नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नए नेतृत्व की संभावना तलाश रहा भाजपा नेतृत्व 2019 लोकसभा चुनाव तक तीनों निवर्तमान मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह चौहान, रमण सिंह और वसुंधरा राजे को शायद ही केन्द्रीय राजनीति के लिए दिल्ली बुलाये। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि ये तीनों ही नेता अपने-अपने राज्यों के बाहर भी खासे लोकप्रिय हैं, लेकिन अभी इन नेताओं को केन्द्र की राजनीति में सक्रिय किए जाने की कोई योजना नहीं है।

ओबीसी मतदाताओं को लुभाएंगे शिवराज सिंह
सूत्रों के अनुसार अकेले शिवराज सिंह ऐसे हैं जिन्हें पार्टी मध्य प्रदेश के बाहर भी उपयोग करने के बारे में सोच रही है। पार्टी उनका उपयोग देश में ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिये करना चाहती है। शिवराज सिंह आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में एक ओबीसी रैली को संबोधित करने वाले हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह राज्य में ही रहेंगे और अगले लोकसभा चुनाव के लिये सक्रियता से काम करेंगे। चौहान ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए ट्वीट किया था कि हम सभी मिलकर मध्यप्रदेश के विकास के लिए संघर्ष करेंगे। आप सभी से मिलने मैं 24 दिसंबर से चार दिन के लिए बुधनी आ रहा हूं। इसके बाद भी मुलाकात का क्रम एक-एक गांव पहुंचने तक जारी रखूंगा। शिवराज सिंह चौहान भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं ।  

वसुंधरा राजे ने जनसम्पर्क कार्यक्रम किया शुरू
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वसुंधरा राजे व रमण सिंह का उनके राज्यों में ज्यादा उपयोग है। विधानसभा चुनाव के परिणाम एवं राज्य में कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद वसुंधरा राजे ने जनसम्पर्क कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने अपने इस कार्यक्रम के क्रम में चुरू के भींचरी गांव गई थी और वीर जवान शहीद किशन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

भाजपा को मजबूत बनाने में रमण सिंह देंगे योगदान
हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में रहा जहां रमण सिंह के नेतृत्व में 15 वर्षो से उसकी सरकार थी। छत्तीसगढ़ में भूपेश बधेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी है। बघेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और वे ओबीसी समुदाय से आते हैं। ऐसे में भाजपा नेतृत्व राज्य में ओबीसी समुदाय से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंप सकता है।  इस बारे में पूछे जाने पर पार्टी सूत्रों ने सिर्फ इतना ही कहा कि रमण सिंह वरिष्ठ और अनुभवी नेता है और वे पार्टी को मजबूत बनाने में सक्रिय योगदान देंगे। रमण सिंह ने कुछ ही दिन पहले संवाददाताओं से कहा था कि मैं यहीं था, यहीं रहूंगा ।

नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है भाजपा 
पूर्व सीएम ने छत्तीसगढ़ में जनसम्पर्क कार्यक्रम शुरू कर दिया है। इस क्रम में वे राजनांदगांव का दौरा कर चुके हैं। इसके साथ ही वे लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से मिल रहे है। उन्होंने अपने ट्वीट में मुलाकातों का जिक्र करते हुए कहा था कि केन्द्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाकात हुई। इस दौरान उनसे आगामी लोकसभा चुनाव के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। भारतीय जनता पार्टी अब नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ आगे बढऩे को तैयार है। 
 

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