Edited By Anil dev,Updated: 10 Jun, 2020 03:20 PM
बंबई उच्च न्यायलय ने तीन पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि लॉकडाउन ने शिथिलता और लोगों में चिड़चिड़ेपन का माहौल पैदा कर दिया है। इस व्यक्ति ने रात्रि कफ्र्यू के दौरान उस समय पुलिसकर्मियों पर हमला कर...
मुंबई: बंबई उच्च न्यायलय ने तीन पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि लॉकडाउन ने शिथिलता और लोगों में चिड़चिड़ेपन का माहौल पैदा कर दिया है। इस व्यक्ति ने रात्रि कफ्र्यू के दौरान उस समय पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था जब उन्होंने उससे पूछताछ की थी। न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने पेशे से वास्तुकार करन नायर(27) की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। नायर ने दावा किया था कि पिछले महीने हुयी इस घटना के दिन वह व्यक्तिगत कारणों से मानसिक रूप से परेशान था।
नायर के अधिवक्ता निरंजन मुंदरगी ने छुरा लेकर चलने के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल वास्तुकार है और वास्तुकार इस उपकरण का उपयोग करते हैं। पुलिस के अनुसार नायर को आठ मई की रात दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पर घूमते हुए पाया गया था। पुलिस ने बताया कि जब एक गश्ती दल ने उसे देखा और उससे पूछताछ करने की कोशिश की तब नायर ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर वहां से भागने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने पीछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार इस हाथापाई में निरीक्षक जितेंद्र कदम, उफ निरीक्षक सचिन शेलके और कांस्टेबल सागर शेलके को मामूली चोटें आयीं।अदालत ने अपने आदेश में कहा कि लॉाकडाउन के मद्देनजर पुलिस पर शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बहुत दबाव था और आवेदक (नायर) आशंकित था कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसलिए उसने भागने की कोशिश की। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति से क्लांति और कुंठा जैसा माहौल पैदा हो गया है और नायर जैसा युवक इसकी चपेट में आ गया।