Edited By Yaspal,Updated: 21 Feb, 2019 06:14 PM
मालेगांव बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने झटका दिया है। हाईकोर्ट ने बुधवार को आरोपियों और गवाहों के बयान की फोटोकॉपी को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले एनआईए कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।...
नेशनल डेस्कः मालेगांव बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने झटका दिया है। हाईकोर्ट ने बुधवार को आरोपियों और गवाहों के बयान की फोटोकॉपी को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले एनआईए कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। दरअसल, मालेगांव बम धमाके के आरोपियों और गवाहों की मूल प्रति खो गई है। एनआईए अब इन गवाहों की फोटोकॉपी को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।
एनआईए को कोर्ट से फोटोकॉपी को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत भी मिल गई थी। लेकिन,इसे नियमों के विपरीत होने का दावार करते हुए धमाके के आरोपी समीर कुलकर्णी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को जस्टिस अभय ओक व जस्टिस अजय गडकरी की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई की।
इस दौरान खंडपीठ ने पाया कि जिस फोटोकॉपी को एनआईए सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर रही है, उसकी इस बात की पुष्टि करने वाला कोई नहीं है कि फोटोकॉपी गवाहों व आरोपियों के बयान के मूल प्रति से निकाली गई है। ऐसे में कानूनी रूप से फोटोकॉपी को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करना उचित नहीं होगा।