बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा मराठा आरक्षण पर फैसला, लेकिन 16% कोटे पर उठाए सवाल

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Jun, 2019 05:14 PM

bombay high court upheld decision on maratha reservation

बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि मराठा आरक्षण को 16 प्रतिशत से घटाकर 12 या 13 प्रतिशत करना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा।

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ ने हालांकि कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश के अनुरूप आरक्षण का प्रतिशत 16 से घटाकर 12 से 13 प्रतिशत किया जाना चाहिए। 

PunjabKesari

अदालत ने कहा, ‘‘हम व्यवस्था देते हैं और घोषित करते हैं कि राज्य सरकार के पास सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) के लिए एक पृथक श्रेणी सृजित करने और उन्हें आरक्षण देने की विधायी शक्ति है।'' पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, हमारा कहना है कि आयोग की सिफारिश के अनुरूप, 16 प्रतिशत को कम करके 12 से 13 प्रतिशत किया जाना चाहिए।'' 

PunjabKesari

क्या है मामला?
अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। महाराष्ट्र विधानसभा ने 30 नवंबर 2018 को एक विधेयक पारित किया था जिसमें मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। राज्य सरकार ने इस समुदाय को सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग घोषित किया था। यह आरक्षण राज्य में पहले से मौजूद कुल 52 प्रतिशत आरक्षण से इतर होगा। आरक्षण को चुनौती देने वाली सात याचिकाएं दायर हुई थीं जबकि कुछ अन्य याचिकाएं इसके समर्थन में दायर हुई थीं। 


PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!