Edited By vasudha,Updated: 11 Nov, 2020 02:56 PM
पिछले कुछ महीनों से भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के दिवाली से पहले सुलझने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार भारत-चीन में कई मुद्दों पर सहमति बन गई है। दोनों देशों ने आपसी मतभेद को बातचीत के माध्यम से हल करने...
नेशनल डेस्क: पिछले कुछ महीनों से भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के दिवाली से पहले सुलझने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार भारत-चीन में कई मुद्दों पर सहमति बन गई है। दोनों देशों ने आपसी मतभेद को बातचीत के माध्यम से हल करने पर जोर दिया है। अब तक भारत और चीन के बीच आठ बार सैन्य और राजनयिक स्तर पर विवाद को सुलझाने के लिए बात हो चुकी है।
सरकारी सूत्रों ने दी जानकारी
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत-चीन सीमा संघर्ष को जल्द ही सुलझाया जा सकता है। क्योंकि दोनों देशों की सेनाओं ने पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी दोनों तटों से पीछे हटने के लिए सहमति दे दी है और यह प्रक्रिया कुछ ही दिनों में खत्म हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा करने के लिए सबसे पहले चीन ने कदम उठाए थे, इसलिए उसे पहले पीछे हटना होगा, उसके बाद भारतीय सेना अपना कदम उठाएगी।
थलसेना प्रमुख ने भी दी थी उम्मीद
वहीं इससे पहले थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा था कि वह उम्मीद करते हैं कि भारतीय सेना और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में विवाद वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाने और तनाव कम करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचने में सफल होंगी। नरवणे ने एक सेमिनार में कहा था कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के तौर-तरीकों पर वार्ता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी ऐसे समझौते पर पहुंचने को लेकर आशावान हैं जो पारस्परिक रूप से स्वीकार्य हो और वास्तविक रूप से लाभकारी हो।
विवाद के बाद पहली बार आमने सामने होंगे मोदी जिनपिंग
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को काफी बढ़ा दिया था। इसी विवाद के बीच पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने होंगे। दोनों की मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की बैठक में होगी।